रंगों की कहानी - कविता - महेन्द्र 'अटकलपच्चू'

सात रंग की अजब कहानी,
बरसों पहले कहती नानी।
बैगनी रंग बैर मिटाता,
सबको गले मिलाता।
जामुनी रंग जीवन भर सबको,
एक साथ ले आता।
नीला रंग नफ़रत सारी,
जड़ से ख़त्म कर जाता।
हरा रंग जीवन के सारे,
दुख हर ले जाता।
पीला रंग पावन मन में,
सुख समृद्धि भर जाता।
नारंगी रंग नारायण के चरणों में,
सबको एक साथ ले आता।
लाल रंग देश की ख़ातिर,
भारत माँ को शीश नवाता।

महेन्द्र 'अटकलपच्चू' - ललितपुर (उत्तर प्रदेश)

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