होली - जोगीरा लोकगीत - स्मृति चौधरी

आयो है मधुमास,
छायो है प्रभास,
सुरभीत है उपवन,
अली करे रसपान,
बजाकर बाँसुरी सी तान,
मैं कैसो करूँ बखान,
जोगीरा सा रा रा रा....
जोगीरा सा रा रा रा....
देखन को रास रंग,
पधारे अनंग,
गोपीयन के अंग,
थिरकत हैं श्याम संग,
हर्षित वृंदावन धाम,
मैं कैसो करूँ बखान,
जोगीरा सा रा रा रा....
जोगीरा सा रा रा रा....
हरि करें प्रहास,
अब रास भयो महारास,
कृष्णमय हुआ दिगंत,
बाजे मधुर मृदंग,
उल्लसित है जहान,
मैं कैसो करूँ बखान,
जोगीरा सा रा रा रा....
जोगीरा सा रा रा रा....

स्मृति चौधरी - सहारनपुर (उत्तर प्रदेश)

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