श्याम संग होली खेलूँगी - गीत - सरिता श्रीवास्तव "श्री"

राधा ब्रज में आई है,
श्याम संग होली खेलूँगी।
कृष्ण रंग गुलाल खेलूँगी,
प्रेम रंग होली खेलूँगी। 
 
प्रीत के रंग में कान्हा को रंग दिया,
श्याम के रंग में राधा को रंग लिया, 
प्रीत की बंशी बजाऊँगी।
श्याम संग...

रंग पिचकारी भर कृष्णा पे डाला,
गइयन संग ग्वाल बालन पे डाला,
चेहरे पीले कर दूँगी।
श्याम संग...

श्याम हँसे संग ब्रज झूमे है,
यमुना तीरे रस रंग जमे है,
कण-कण रंग भर दूँगी।
श्याम संग...

मुरली अधर धर कृष्ण बजाए,
होली रसिया मुरलिया गाए, 
बंशी वश में कर लूँगी।
श्याम संग...

कान्हा ने रंग से अंग-अंग रंग दिया,
हाथ पकड़ मेरा चेहरा मल दिया,
गालियाँ मन भर के दूँगी।
श्याम संग...

राधा कृष्ण की जोड़ी अपार है,
मोहिनी मूरत सुख अपरम्पार है,
जीवन रंग "श्री" दूँगी।
श्याम संग...

सरिता श्रीवास्तव "श्री" - धौलपुर (राजस्थान)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos