संदेश
हिंदी का मान - कविता - प्रवल राणा 'प्रवल'
मातृ भाषा हो प्रतिष्ठित, अभिव्यक्ति का माध्यम बने। राजभाषा बन गई, जन-जन की भाषा अब बने॥ मूल भाषा संस्कृत, ब्रज, अवधी में बढ़ी। भोजपुरी …
मातृभूमि और मातृभाषा - कविता - गोकुल कोठारी
सुदूर कहीं किसी देश में, जब कोई मिलता, निज भाषा, निज वेश में, मन में वात्सल्य भाव से, उदगम एक सोता होगा, आँखें भर आएँगी, क्यों मनुज मा…
हिन्दी है अभिमान हमारा - गीत - सिम्पी पटेल
हिन्दी जननी, हिन्दी गौरव, हिन्दी है अभिमान हमारा, हिन्दी हेतु समर्पित है धन वैभव प्राण हमारा। कितनी मधुर सुरीली भाषा संस्कार इसकी परिभ…
कवि निकुंज उद्गार हिय - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सादर प्रमुदित नमन शुभ, हिन्दी वासर विश्व। खिले चमन हिन्दी वतन, रहे मनुज अस्तित्व।। शारद सरसिज सुरभिता, हिन्दी काव्य निकुंज। कीर्ति सुर…
मातृभाषा हिन्दी - कविता - अजय गुप्ता 'अजेय'
आओ संकल्प करें! मन से, हिन्दी का उत्थान करेंगे। पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण, हिन्दी के रंग में रंग देगें।। सकल विश्व में परचम फहरा, हिन्द…
मेरी निजी ज़ुबान है, हिन्दी ही दोस्तों - ग़ज़ल - शमा परवीन
अरकान : मफ़ऊलु फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती : 221 2121 1221 212 मेरी निजी ज़ुबान है, हिन्दी ही दोस्तों, मेरे लिए महान है, हिन्दी ही दो…
देश का मान बढ़ाती हिंदी - गीत - रमाकांत सोनी
गौरव गान सिखाती हिंदी, राष्ट्रप्रेम जगाती हिंदी। राष्ट्र धारा बन बहती, देश का मान बढ़ाती हिंदी। देश का सम्मान हिंदी, वंदे मातरम गान …
हिंदी - कविता - रतन कुमार अगरवाला
हिंदी है हिंद की पहचान, है यह हिंद का गौरव। हिंदी हिंद की राष्ट्रभाषा, भाषा यह बड़ी ही सौरभ। हिंदी से मिलता अपनापन, कुछ अपना अपना सा ल…
हिन्दी भाषा: दशा और दिशा - कविता - सीमा वर्णिका
हिंदी भाषा की आज दशा और दिशा, ज्यों दिवस संग मिश्रित हो जाए निशा। विविध देशज विदेशज भाषा का मेल, भाषा की ऐसी विकृति नहीं देती तिशा।। द…
हिंदी को अपनाओ जी - कविता - सौरभ तिवारी
जिसके मीठे बोलों से, दिल की दूरी मिट जाती हो। जिससे अक्षर-अक्षर से, मिट्टी की ख़ुशबू आती हो। औरों की बोली क्या रटना, अपनी को गले लगाओ ज…
हिन्दी - बाल कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
हिन्दी है इक प्यारी भाषा, मेरे हिंदुस्तान की। बड़ी सरल है मेरे बच्चों, भारत देश महान की।। नजमा बोले, राखी बोले, और बोलते सुखविंदर। जॉन,…
हिंदी मेरी कुंकुम चंदन - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
भाषा अक्षत का पावन कण हिंदी मेरी कुंकुम चंदन। बनो सारथी, बढ़े विश्व-पथ हिंदी भाषा का स्यन्दन। आखर-आखर कालजयी हो करता रहे प्रीति वर्षण।…
हिंदी हमारे हिन्द की शान है - कविता - डॉ॰ सत्यनारायण चौधरी
हिंदी ही हमारी मातृभाषा, हिंदी ही हमारी राष्ट्रभाषा, जननी संस्कृत से लेकर निकली, अपनी नई पहचान है। हिंदी हमारे हिन्द की शान है।। हिंदी…
हिन्दी से हिन्दुस्तान है - कविता - अतुल पाठक 'धैर्य'
संस्कृत से संस्कृति हमारी, हिन्दी से हिन्दुस्तान है। विष्णु सक्सेना और कुमार विश्वास जैसे कवियों ने हिन्दी अपनाकर मान बढ़ाया, हिन्दी का…
हिन्दी ही हिन्दुस्तान है - कविता - सूर्य मणि दूबे 'सूर्य'
हिन्दी ही हिन्दुस्तान है, सरस है सरल है सुगम है, व्याकरण बद्ध सटीक ज्ञान है। परिष्कृत प्रमाणिक भाषा है, हिन्दी भाषाई विज्ञान है। हिन्द…
हिंदी की वीणा - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
झनन-झनन झंकार उठे, सरर सरर सर पवन चले, टप-टप-टप बूँदे गिरे, वसुधा पर अमृत धार पड़े, वीणा की झंकार उठे। वीणा के तारों से सरगम, शब्द-शब्द…
हिंदी भाषा - कविता - आराधना प्रियदर्शनी
जिसने अवगत कराया हमें, इक दूजे की भावनाओं से, जो मिलवाती हैं हमें ख़ुद से, हर होनी की सम्भावनाओं से। जो परिचय देती है अपना, अपनी स्वर्ण…
हिंदी भारत की शान है - गीत - डाॅ. वाणी बरठाकुर "विभा"
भाषा केवल नही है हिन्दी, भारत की पहचान है। स्वर-व्यंजन से सजी हुई, भारत माँ की शान है।। पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, सबको हिंदी भाती …
हिन्दी भाषा - कविता - गणपत लाल उदय
आओं मिलकर ऐसा काम करें हिंदी लिखें और हिंदी में बात करें। बनाएँ हिंदी को दिल की धड़कन मौन शब्दावली भी बोले मुँख पर। मजबूत अपनी यह ब…
तुम्हारी हिन्दी - कविता - विनय "विनम्र"
मत करो मुझे व्याकरण बद्ध, मुझको रहने दो अलंकरण मुक्त, मैं सरस, सरल हिन्दी हूँ मुझको जी जाओ गरल नहीं हूँ अमृत हूँ, विश्वास सहित बस पी ज…