हिन्दी से हिन्दुस्तान है - कविता - अतुल पाठक 'धैर्य'

संस्कृत से संस्कृति हमारी,
हिन्दी से हिन्दुस्तान है।

विष्णु सक्सेना और कुमार विश्वास जैसे कवियों ने हिन्दी अपनाकर मान बढ़ाया,
हिन्दी का महत्व जन-जन को उनने लिखकर और गाकर समझाया।

यही कारण है कि इनकी विश्व में इक अलग पहचान है,
हिन्दी हैं हम हिन्दी से ही वतन हिन्दुस्तान है।

पढ़-पढ़ कर जिनको बड़े हुए हम, 
वो तुलसी कबीर संत महान हैं।

हिन्दी के इतिहास में अब भी,
उनकी हिन्दी से अमिट पहचान है।

बिहारी भूषण पंत निराला का हिन्दी में गान है,
हिन्दी से ही शान है और हिन्दी ही अभिमान है,
तभी तो हिन्दी भाषा में 
गाया जाता राष्ट्रगान है।

हिन्द के घर में कभी पराई न हो हिन्दी,
इसलिए निजभाषा अपनाओ सीखो और सिखाओ हिन्दी।

जग में बतलाओ सबको,
हिन्दी से हमारी शान है।

संस्कृत से संस्कृति हमारी,
हिन्दी से हिन्दुस्तान है।

अतुल पाठक 'धैर्य' - जनपद हाथरस (उत्तर प्रदेश)

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