गणपत लाल उदय - अजमेर (राजस्थान)
हिन्दी भाषा - कविता - गणपत लाल उदय
मंगलवार, जनवरी 12, 2021
आओं मिलकर ऐसा काम करें
हिंदी लिखें और हिंदी में बात करें।
बनाएँ हिंदी को दिल की धड़कन
मौन शब्दावली भी बोले मुँख पर।
मजबूत अपनी यह बुनियाद करें
हिन्द की भाषा का सम्मान करें।।
अपनी भाषा में बोंले हम सब
दिल की बात पहुँचाए सब तक।
अपने पन का स्वाद मिले इसमें
तन - मन में ठंडक पहुँचे इससे।।
यही केवल एक रस भरी है भाषा
जिसका गुणगान विश्व पूरा गाता।
मिठास है इसके हर एक अक्षर में
ज़ाहिर करे अपने जज़्बात हिंदी मेंं।।
हिंदी वर्ण माला में मुख्यत:
11 स्वर और 33 है व्यंजन।
26 जनवरी 1965 में भारत की
हिंदी हमारी राजभाषा हुई सम्पन्न।।
विश्व में बोली जाती कई जगह हिंदी
ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया।
यमन, युगाण्डा, न्यूजीलैण्ड, कनाडा
सिंगापुर, हांगकांग, गुआना, मलेशिया।।
हम कब तक माँ को मौम कहेगे
और पिता को कब तक डैड कहेगें।
आओ मिलकर के ऐसा काम करें
हिंदी लिखें और हिंदी में बात करें।।
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