मातृभाषा हिन्दी - कविता - अजय गुप्ता 'अजेय'

आओ संकल्प करें! मन से,
हिन्दी का उत्थान करेंगे।
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण,
हिन्दी के रंग में रंग देगें।।

सकल विश्व में परचम फहरा,
हिन्दी का उत्थान करेंगे।
केसरिया फूलों की होली से,
मातृभूमि को नमन करेंगे।।

सरहद पर साज़िश करने बालों को,
सीमा पर ही दफ़न करेंगे।
शेखर भगत गुरु के बलिदानों को,
हम व्यर्थ नहीं जाने देंगे।।

घर में भी बहुतेरे काफ़िर हैं,
पीठ पर ख़ंजर मार रहे।
दुश्मन के नापाक मंसूबों को,
गलबहियों कर साध रहे।
ऐसे जयचंदों का भी हम,
अब पक्का इंतज़ाम करेंगे।।

आओ संकल्प करें! मन से,
हिंदी का उत्थान करेंगे।
अपने नौनिहालों से घर पर,
हम सब श्रीगणेश करेंगे।।

अजय गुप्ता 'अजेय' - जलेसर (उत्तर प्रदेश)

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