संदेश
प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है - ग़ज़ल - रोहित सैनी
अरकान: फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ा तक़ती: 2122 2122 2122 2 प्यार में कोई दवा क्या है दुआ क्या है, जो हुआ उसमें बुरा क्या है भल…
प्रेम पर पहरा - कविता - डॉ॰ प्रियंका सोनकर
प्रेम पर हज़ार पहरे होने के बाद भी उसने चुना प्रेमी होना पता था उसे जाति के बाहर शादी करने पर सज़ा क्या होगी उसकी देखा था उसने कई पीढ़ि…
हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान: मफ़ऊल फ़ाइलातु मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती: 221 2121 1221 212 हमदर्द बन के कोई, हमें दर्द दे गया, खुख चैन छीन, आह हमें सर्द दे गया…
बेख़ुदी में सवाल करते हो - ग़ज़ल - शमा परवीन
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1212 22 बेख़ुदी में सवाल करते हो, तुम हमेशा कमाल करते हो। जब किसी राह में हो तुम मिलते…
तुम्हें जब भी देखा - कविता - नरेन्द्र सोनकर 'कुमार सोनकरन'
तुम्हें जब भी देखा बस तुम्हें देखा एकटक देखा जी भर देखा होकर देखा खोकर देखा तुम में तुम्हें जब भी देखा तो नहीं देखा घर परिवार समाज न…
आठ पहर - कविता - प्रदीप सिंह 'ग्वल्या'
एक पहर खुली आँखों से सपना तुम्हारा अगले पहर यादों की झाँकियाँ, एक पहर शुद्ध लिखता जाता तुम्हें, अगले पहर ढूँढ़ू उसमें ग़लतियाँ। एक पहर…
तुम्हारा प्रेम - कविता - प्रवीन 'पथिक'
भावनाओं की उधेड़बुन में, मेरे दुर्बल मन को; विचारों की आँधी में तुम्हारा प्रेम; अपनी आग़ोश में ले तृप्त कर देता उफनती वासनाओं को। चाहत …
न अपनों को सताओ - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलात तक़ती : 212 2121 न अपनों को सताओ, क़सम से मान जाओ। भले इक ख़्वाब बनकर, कभी तो याद आओ। कभी आकर अचानक, अजी कुछ तो सु…
एक आवाज़ दो - कविता - चक्रवर्ती आयुष श्रीवास्तव
प्रेम की बाँसुरी होठों से चूम लो, फूँक दो एक स्वर राग भर जाएँगे, बिन तुम्हारे रहे हम अधूरे सदा, एक आवाज़ दो पार कर जाएँगे। बीच में अगिन…
हर पल के अन्तराल में तुम हो - कविता - डॉ॰ नेत्रपाल मलिक
अलार्म की आवाज़ दे जाती है हर दिन मुट्ठीभर पल ख़र्चने को घड़ी की सुइयाँ उठा लेती हैं बही-खाता हर पल का हिसाब रखने को भाप बन उड़ जाते हैं …
दर्द - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
कुछ दर्द बयाँ हो न पाए, ज़ुबाँ ख़ामोश पर हम आँसुओं को रोक न पाए, हवाएँ वही फ़िज़ाएँ वही पर तेरे चाँद से चेहरे को हम देख न पाए, एक र…
ये मौन अधर की बातें - गीत - सिद्धार्थ गोरखपुरी
ये मौन अधर की बातें, केवल नैना कह पाते हैं। नैना सब कुछ सुन लेते हैं, मुख पर चैना रह जाते हैं। ख़्वाब सुहावन पावन होकर, अरज के साथ प्रव…
तुझे क्या कहूँ? - कविता - मुस्ताक अली
तू ही बता तुझे क्या कहूँ? गुलशन की बहार कहूँ ख़ुशियों का संसार कहूँ ज़िंदगी का सार कहूँ या मेरे दिल में बसा बेपनाह प्यार कहूँ? तू ही बता…
वह ज़िंदा होगा - कविता - आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
भला कैसे कोई समझें मेरे किरदार को जब हो रही हो इम्तिहान प्यार की वह बेज़ुबान बेगुनाह था भरी महफ़िल में जिसे स्वीकार था वह ज़िंदा होगा य…
प्रेम - कविता - मुकेश वैष्णव
प्रेम में आश्वाशन मरणासन सी स्तिथि है, मेरी तरह न जाने कितनों की आपबीति है। आँखें मूँद के हर बार हिमाक़त कर लेना, समाज में बाल विवाह के…
तू लाजवाब है तो मैं भी लाजवाब हूँ - ग़ज़ल - भाऊराव महंत
अरकान : मफ़ऊलु फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती : 221 2121 1221 212 तू लाजवाब है तो मैं भी लाजवाब हूँ, तुझमें शबाब है तो मैं आला-शबाब हूँ…
एक बार जो टूट गया तो - कविता - प्रवीन 'पथिक'
एक बार जो टूट गया तो, शायद ही जुड़ पाएगा! प्रेम या जीवन के सपनें, हुए पराए जो थे अपने। ऑंखें खोई हो आकाश में, न उर पीड़ा मिट पाएगा। एक…
प्रियतम - कविता - अवनीत कौर 'दीपाली'
प्रियतम तेरे नाम की लिखी मैंने इक चिट्ठी कुछ शिकायतें इस चिट्ठी में कुछ बातें खट्टी-मीठी प्रियतम संग नाता ऐसा प्यारा वो मझधार मैं उसकी…
मुसलसल हम अगर मिलते रहेंगे - ग़ज़ल - प्रशान्त 'अरहत'
अरकान: मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन फ़ऊलुन तक़ती: 1222 1222 122 मुसलसल हम अगर मिलते रहेंगे, पुराने ज़ख्म सब सिलते रहेंगे। इजाज़त तुम अगर दे दो मुझे…
प्रकाशन - कविता - राजेश 'राज'
जाने क्या ढूँढ़ती हैं तुम्हारी आँखें मुझमें तुमसे पूछ्ना चाहता हूँ पर नहीं सूझता कोई प्रश्न जिससे देखें तुझमें और ज्ञात हो जाए जिज्ञासा…