आनन्द कुमार 'आनन्दम्' - कुशहर, शिवहर (बिहार)
वह ज़िंदा होगा - कविता - आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
मंगलवार, जुलाई 11, 2023
भला कैसे कोई समझें
मेरे किरदार को
जब हो रही हो
इम्तिहान प्यार की
वह बेज़ुबान
बेगुनाह था
भरी महफ़िल में
जिसे स्वीकार था
वह ज़िंदा होगा
यह सोचना
कितना मुश्किल होगा
गुज़र जाने के बाद...!!
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