संदेश
रावण, ज्ञान और अधर्म - लेख - सिद्धार्थ 'सोहम'
रावण, लंकेश, दशानन इत्यादि नामों से प्रसिद्ध ऋषि पुलस्त्य का वंशज, वेदांग का ज्ञाता, भक्ति और शक्ति में लीन, परम प्रतापवान नीति पारंगत…
अपना सुधार सर्वोत्तम सेवा - कविता - उमेश यादव
अपना सुधार सर्वोत्तम सेवा, सुखमय घर संसार है। स्वयं बदलना मानवता पर, बहुत बड़ा उपकार है॥ समझें मन के भावों को हम, सही मार्ग अपनालें। …
भागमानी माँ-बाप - लघुकथा - ईशांत त्रिपाठी
चूँकि वेद सुबह से शाम तक माँ के फ़ोन का कोई उत्तर नहीं दिया था इसलिए माँ-पिता जी की चिंता दूर पढ़ने गए इकलौते बेटे के प्रति डाँट के रूप…
चरित्र - कविता - जितेंद्र रघुवंशी 'चाँद'
मारकर अपने चरित्र को जीना कहा उचित है, जीना है चरित्र के साथ मन उसी में हर्षित है। बदले क्यों हम किसी के लिए अपने आप को, नहीं है कर…
कौन है कृष्ण? - लेख - सिद्धार्थ 'सोहम'
भारत मान्यताओं, परंपराओं और संस्कृति को आज भी प्रासंगिक बनाने वाला राष्ट्र, लिखित रूप से 5000 साल पुरानी सभ्यता जो मात्र विश्वगुरु होन…
श्री कृष्ण जन्माष्टमी: जीवन में गुणों को धारण करने का पर्व - लेख - आर॰ सी॰ यादव
सुख-समृद्धि की कामना करते हुए दैहिक, दैविक और भौतिक बाधाओं से मुक्ति के लिए मनुष्य का धर्मपरायण होना ज़रूरी है। ईश्वर की पूजा उपासना कर…
कृष्ण होना आसान नहीं किंतु नामुमकिन भी नहीं - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
ऐसा क्यों है कि बहुत सारे लोग मुझे जान नहीं पाते हैं?श्रीमद्भगवद्गीता में श्री कृष्ण ने कहा है। ऐसा इसलिए है शायद हम अपनी भौतिकता में…
विषय, विचार और कामनाओं से मुक्ति ही स्वतंत्रता है - लेख - आर॰ सी॰ यादव
नीतिगत निर्णय लेना मनुष्य का स्वाभाविक गुण है। यह एक ऐसी नैसर्गिक प्रतिभा जिसके बिना पर मनुष्य अपने गुण-अवगुण, यश-कीर्ति, हानि-लाभ और …
जीने की परिभाषा सीखो - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
यदि परिवार चलाना हो तो, जीने की परिभाषा सीखो। थोड़े दिन का यह जीवन है, आना जाना लगा हुआ है। नश्वरता बैठी अग-जग में, यह क्रम अविरल बना …
एक क़दम अध्यात्म की ओर - लेख - लक्ष्मी सिंह
'अध्यात्म' एक ऐसा वाक्य जिसे सुनने मात्र से ही शान्ति पहुँचने लगती है हमारे हृदय को, अब सोचने वाली बात ये है कि जिसे सुनने से …
इच्छा शक्ति - कविता - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
इच्छा शक्ति हो अगर प्रबल, तो ईश्वर बनाता उसे सफल। कुछ कभी जगाइए सदिच्छा, ज़रूर पूरी करेगा वही इच्छा। संकल्प जो हम करेंगे मन में, वो साथ…
ज्ञान की खोज - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ज्ञान की खोज में हम मृगतृष्णा की तलाश जैसे भटकते रहते हैं, अपने अंदर झाँकना तो नहीं चाहते हैं, ज्ञान को लेना ही नहीं चाहते। बस अपनी बे…
ख़ुशी का राज़ - लघुकथा - प्रवेंद्र पण्डित
रमन मायूस मन लिए पैदल ही कारखाने से घर की तरफ़ निकल पड़ा। मन में विचारों का मंथन चल रहा था। आख़िर पाँच हज़ार तनख़्वाह में कैसे घर चलेगा,…
करो आत्म तन का मंथन - कविता - राघवेंद्र सिंह
जीवन रूपी क्षीर सिन्धु में, करो आत्म तन का मंथन। रत्न चतुर्दश ही निकलेंगे, स्वयं करो इसका ग्रंथन। निज श्रम मंदराचल मथनी हो, वासुकी नाग…
क़र्ज़ - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
क़र्ज़ न करियो, क़र्ज़ घटाता है कुटुंब और ख़ुद का मान। उधारी दिन का चैन, रात की नींद खोकर निरुत्तर रहता है इंसान। क़र्ज़ ही तो है जो अच्छे-खा…
जो देता है वो दाता है - कविता - गणेश भारद्वाज
मन के बाहर भीड़ बड़ी है, सन्नाटा अंदर पसरा है। मन भीतर का दीप बुझाकर, क्यों मानव चुनता कचरा है? दर-दर जाकर जिसको खोजे, मन भीतर आन समाय…
ढूँढ़ लो ख़ुद को - कविता - कवि कुमार प्रिंस रस्तोगी
ढूँढ़ लो ख़ुद को ख़ुद में जो छुपा हुआ है भेद, तन है माटी का पुतला मन का मन का है फेर, जिस दिन तुमने जाना फिर हो जाएगा प्रेम, सुनो कवि क…
हार जीत - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
हार हो या जीत ये है हमारी प्रीत, जैसा करें विचार वैसे ही व्यवहार। हार सिर्फ़ हार नहीं है अपना विचार भी है, जीत कोई अनूठी चीज़ नहीं महज़ आ…
बुद्ध सा - कविता - श्रीलाल जे॰ एच॰ आलोरिया
मिट जाएँ सब राग द्वेष और विकार विरत हो जाऊँ, तब, सच मानो मैं बुद्ध सा हो जाऊँ। ना रखूँ नफ़रत किसी से ना वैर किसी से कर पाउँ, पंचशील …
ग़ुरूर - कविता - प्रतिभा नायक
किस बात पर ग़ुरूर करेगा ये सूरज, नदी, तालाबों को सुखाने वाला, मज़दूर के पसीने को सुखा न पाया, किसी के आँसुओं को पोंछ न पाया। चाँद को फ़…
साहित्य रचना कोष में पढ़िएँ
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर