इच्छा शक्ति - कविता - नागेन्द्र नाथ गुप्ता

इच्छा शक्ति हो अगर प्रबल,
तो ईश्वर बनाता उसे सफल।
कुछ कभी जगाइए सदिच्छा,
ज़रूर पूरी करेगा वही इच्छा।
संकल्प जो हम करेंगे मन में,
वो साथ देगा हरेक जतन में।
इच्छा सटीक करना चाहिए,
न कोई परिक्षा करनी चाहिए।
इच्छा अपनी हो सकारात्मक,
हर्गिज़ न कोई हो नकारात्मक।
इच्छा शक्ति अगर होगी मज़बूत,
तो उम्मीद पूरी जाएगी अकूत।
ठान ले मन में कुछ करने की,
तो ज़रूरत नहीं हमें डरने की।
जहाँ हो चाह वहाँ मिलती राह,
इसलिए करिए बेहतरीन चाह।
जो हम सोचते पर कर न पाए,
तो वहीं इच्छा उसको बताए।
आपके विचार निकालेंगे रास्ते,
ईश्वर तो बैठा है आपके वास्ते।
इच्छा शक्ति का चलता है खेल,
कोई इच्छा कभी होगी न फेल।

नागेंद्र नाथ गुप्ता - मुंबई (महाराष्ट्र)

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