संदेश
शब्दनाद - कविता - सुशील शर्मा
करो कितना ही उपहास मेरा, नहीं तोड़ूँगा अपना मौन। न अपनी संवेदनाओं को करूँगा विस्मृत, न ही अनुवादों में जीकर, मूल को भूलूँगा। मैं रचत…
नारी - कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा
ईश्वर की अनुपम, अद्भुत कृति, हे सावित्री! सीता, हे सती! हो रानी लक्ष्मी बाई तुम, काली बनकर के आई तुम॥ परहित करने वाली देवी, वीरों…
उम्मीद की टहनी - कविता - सुरेन्द्र प्रजापति
धीरे-धीरे हम बढ़ रहे हैं गंतव्य की ओर लेकिन आशा के विपरीत हमारी उपस्थिति को अनदेखा कर दिया जा रहा है स्वयं को नकारा जाना, जीवन से भटक …
हमारी सेना शान हमारी - कविता - गणेश भारद्वाज
हम भारत के सब वासी हैं, सेना अपनी हमको प्यारी। अदम्य शौर्य की प्रतिमूर्ति, इससे ही है शान हमारी। इस सेना के कारण ही हम, रातों को सुख स…
ज़िंदगी इक खेल है - कविता - इन्द्र प्रसाद
ज़िंदगी इक खेल है अनुपम खिलौना चाहिए। सुख यहाँ पर हो न हो पर दुख होना चाहिए॥ फूल भी हैं शूल भी जीवन सरीखे बाग़ में, हम उन्हीं के मध्य जी…
दीवारों से कान लगाकर बैठे हो - ग़ज़ल - डॉ॰ राकेश जोशी
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ा तक़ती : 22 22 22 22 22 2 दीवारों से कान लगाकर बैठे हो, पहरे पर दरबान लगाकर बैठे हो। इसस…
सलामती - कहानी - डॉ॰ अबू होरैरा
[1] साड़ी का कारोबार दिन-ब-दिन ठप्प होता जा रहा था। एक के बाद एक लूम बन्द होते जा रहे थे। मज़दूर बुनकर अपना हुनर छोड़, विवश होकर दूसरे रो…
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें | Dushyant Kumar 10 Best Ghazals
(1) ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दोहरा हुआ होगा ये सारा जिस्म झुक कर बोझ से दोहरा हुआ होगा, मैं सज्दे में नहीं था आप को धोका हुआ होग…
एक फ़ितरत सी हो गई है - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
एक फ़ितरत सी हो गई है, चुप्प रहना। कितने मकानों की कथा, चिल्लाती ऑंखों की व्यथा। बस फँस गई है, भूल गया कहना। खारी बूँदों से भरी, पत्तिय…
क्या नेह लगाना जीवन में - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
क्या नेह लगाना जीवन में, चौराहे पर मिले पथिक से, सबको अपनी बस्ती अपने गाँव चले जाना है। यह अभिनेताओं का गाँव, यहाँ सब प्रीत-प्यार अभिन…
किसी की ज़िन्दगी क़ायम नहीं है - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान : मुफा़ईलुन मुफा़ईलुन फ़ऊलुन तक़ती : 1222 1222 122 किसी की ज़िन्दगी क़ायम नहीं है, मगर जो आज है हरदम नहीं है। किसी से पूछिए…
रक्षा बंधन - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 चन्दन जैसा महकता, भ्रात बहिन का प्यार। कच्चे धागे से बँधा, रिश्ता ये सुकुमार॥ रिश्ता ये सुकुमार, बहिन है दिल का टुकड़ा। उर में हो …
रक्षाबंधन - मुक्तक - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
रक्षाबंधन के दिन बहना राखी तुमको लाई, माथे तिलक लगाकर बाँधी रक्षासूत्र कलाई। युग-युग जिओ बधाई तुमको चमको जैसे तारा– रक्षा में प्राणों …
कच्चे धागों का यह बंधन - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
कच्चे धागों का यह बंधन, प्रेम रहे तो बंधा रहे बहन मायके में आए तो, भाई हर्षित सदा रहे एक वर्ष में एक बार ही, उत्सव राखी का आता भाई बहन…
स्नेह प्यार का बंधन राखी - गीत - उमेश यादव
भाई बहन का पर्व मनोहर, भैया मान बढ़ाना। स्नेह प्यार का बंधन राखी, बहना से बंधवाना॥ ये रक्षाबंधन, विमल प्रेम का बंधन। रक्षाबंधन है स्न…
आया राखी त्यौहार रे - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
लेकर पावन प्रेम सौग़ात, आया राखी त्यौहार रे। सावन पावन पूर्णिम उत्सव, भाई बहना गुलज़ार रे। आओ बहना साथ मुदित मन, अभिलाषा रक्षा बन्धन रे…
शहीद की राखी - कविता - अनूप अंबर
भैय्या बॉर्डर पे शहीद हुए, कैसे राखी भिजवाऊँ मैं, रोली चावल से कैसे अब उनको तिलक लगाऊँ मैं। वो रक्षा करते सरहद की, सब त्यौहार सूने से …
राखी का त्यौहार - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
भाई बहन के प्यार का आया यह त्यौहार है, सब रिश्तों से ऊपर राखी का यह त्यौहार है। बहना चाहे एक सहारा, सुख दुःख एक बंधन हो, जब भी आवाज़ लग…
रक्षाबंधन का तोहफ़ा - कहानी - राखी गौर
"अरे, अमित! रक्षाबंधन आ रहा है, दीदी से बात की क्या? कब तक आ रही है?" "ठीक है मॉं! मैं करता हूँ दीदी से बात।" &qu…