कमल पुरोहित 'अपरिचित' - कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
कच्चे धागों का यह बंधन - गीत - कमल पुरोहित 'अपरिचित'
बुधवार, अगस्त 30, 2023
कच्चे धागों का यह बंधन, प्रेम रहे तो बंधा रहे
बहन मायके में आए तो, भाई हर्षित सदा रहे
एक वर्ष में एक बार ही, उत्सव राखी का आता
भाई बहना का मन उस दिन, मिलने को है हर्षाता
बहना राखी बाँध कहे ये, भैया तू ख़ुश सदा रहे
कच्चे धागों का यह बंधन...
मीठी-मीठी नोकझोंक हो, और न कोई झगड़ा हो
जीवन की हर बाधाओं में, साथ और भी तगड़ा हो
अपनेपन का भाव हमेशा, सबके मन में भरा रहे
कच्चे धागों का यह बंधन...
प्रेम शर्त के बिन ही होता, इसे कभी मत परखो रे
अपनो की ख़ुशियो के पल में, सबसे पहले हरखो रे
हाथों में हो हाथ सभी का, साथ हमेशा बना रहे
कच्चे धागों का यह बंधन...
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