संदेश
शिवार्पण: सावन की प्रेमगाथा - कविता - आलोक कौशिक
बरखा की रुनझुन में जलते हैं दीप शिवोभाव के मन के अंतरतम तल में कुछ स्वर गूँजे सुभाव के नीलाकाश लहराता बन जटा-जूट की धारा पावन सावन उतर…
सावन की सरगम - कविता - अभी झुंझुनूं
धरती ओढ़े पात गगरी, बदरा करे सिंगार, सावन आई घटा घिरी, बजी मल्हार-पुकार। हर डाली बोले पपीहा, "पिया मिलन को आओ", मनवा डोले जै…
हर हर महादेव शम्भु - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
धर्म सनातन पर्व शुभ, सावन पावस मास। त्रयोदशी पूजन सविधि, उभय पक्ष उपवास॥ प्रदोष व्रत शिव वन्दना, फागुन सावन मास। कृपासिंधु शिव साधना, …
आया है सावन - कविता - सूर्य प्रकाश शर्मा 'सूर्या'
बादल उड़ते हैं जल लेकर, दो-एक? ना, पूरा दल लेकर। ज्यों पड़ी तप्त भू पर दृष्टि, करते शीतल, करके वृष्टि। लगता है आया पृथ्वी पर— जल, गंगा…
सावन की बरसात - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
ग्रीष्मातप सूखी धरा, छाया नभ घनश्याम। सावन की बरसात अब, बरस रही अविराम॥ रिमझिम मधुरिम बारिशें, भरे खेत खलिहान। प्रीत हृदय सावन मिलन, ख़…
घुमड़-घुमड़ घनघोर घटा छाए रही - मनहरण घनाक्षरी छंद - राहुल राज
घुमड़-घुमड़ घनघोर घटा छाए रही, स्वेत घन श्याम बन गगन गर्जन लगे। लगत है बच रहे इन्द्र के नगाड़े आज, दानव दलन देव रण में सजन लगे। उमड़ प…
मेघ, सावन और ईश्वर - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | सावन पर दोहे
बरसी सावन की घटा, गरजे मेघ प्रचण्ड। ईश्वर शिव पूजन जगत, भारत बने अखण्ड॥ सती नाथ झूला झुले, सावन पावस मास। भूत प्रेत नंदी स्वजन, ना…
सावन - कविता - सुनीता प्रशांत
ये कौन उत्सव आया सखी री मन क्यों कर मुसकाया सखी री मेघ गरज कर मृदंग बजाते मधुकर मधुर तान सुनाते फूल ये क्यूँ सकुचाया सखी री ये कौ…
सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे - गीत - श्याम सुन्दर अग्रवाल
सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे, धरती की माँग भर जल किसान गीत गाए रे, सावन के आँगन में मेघा घिर आए रे। खेतों में बीज पड़े, दानों ने मु…
सावन को आने दो - कविता - मयंक द्विवेदी
पतझड़ की अग्नि में जल जाने दो, विरह वेदना के स्वर गाने दो, हर शाख़-शाख़ हिसाब लेगी, समय सावन का आने दो। पर्ण-पर्ण छिन्न हो तो हो, शाख़-शा…
ऐ सावन! - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ऐ सावन! तेरे रूप हैं कितने? कोई कहे तुझे बेदर्दी रे, कोई सजाए मीठे सपने, ऐ सावन! तेरे रूप हैं कितने? ख़्वाबों की ताबीर किसी की पूरी होत…
बरसे बादल - कविता - हेमन्त कुमार शर्मा
बरसे बादल क्रोध भरे, नश्वरता का बोध भरे। इतना पानी आँखों में, जाने कैसे रोध करे। कुछ तो सावन का असर, उस पे नयन मोद भरे। पार का स…
लो आ गया सावन - कविता - रमाकान्त चौधरी
लो आ गया सावन, खिल उठे उपवन, चहकी हरियाली। पेड़ों को मिला नवजीवन लो आ गया सावन। आग बरसाते तपते भास्कर, सिर पर तनी धूप की चादर। गर्म हवा…
सावन और माँ का आँगन - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मुस्कान खिली ऋतु पावस मुख, आनंद मुदित मधु श्रावण है। फुलझड़ियाँ बरखा हर्षित मन, नीड भरा माँ का आँगन है। महके ख़ुशबू बरसात घड़ी, भारत …
बार-बार यह सावन आए - कविता - राजेश 'राज'
करें गगन में मेघ गर्जन, करे चपला घनघोर नर्तन। हुए पागल उन्मुक्त बादल, घुमड़ रहे ले जल ही जल। यह विराट दृश्य मन भाए, बार-बार यह सा…
सावन में शिव अर्चना - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
सावन में शिव अर्चना सोम दिवस अति नेम। अवढर दानी चाहते शुद्ध सरल शुचि प्रेम॥ शुद्ध सरल शुचि प्रेम दूध घी चन्दन वारो। जप लो नमः शिवाय…
मस्ताने मौसम ने - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मस्ताने मौसम ने पागल मुझे कर दिया, दीवाने मौसम ने घायल मुझे कर दिया। भीगा सावन बहकने लगा, गीला बदन क्यूँ दहकने लगा। दिल धक धक धक धड़कने…
रिमझिम सावन आया है - ताटंक छंद - संजय राजभर 'समित'
विरह वेदना की ज्वाला में, तन-मन ख़ूब तपाया है। आओ मेरे प्रियतम प्यारे, रिमझिम सावन आया है। प्यासी घटा की मर्म समझो, गीत ख़ुशी के गाएँगे।…
सावन आया - कविता - निहाल सिंह
तमी पपीहा बोले बाड़ी, कोयल गाए माड़ी-माड़ी। नग पे छाई बदली काली, कल-कल बहती नद मतवाली। हदय शिखडिनी का मुस्काया, आया आया सावन आया। प…
सावन - गीत - संगीता भोई
ओ मेरे प्रियतम मनभावन, याद है मुझे वो पहला सावन। वो भी क्या सावन के झूले थे, जब साथ में, हम तुम झूले थे। बस वो ख़ुशियों के मेले थे, जब …
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