राम जी अवध में आए आज झूमो गाओ रे,
होली दिवाली आज संग-संग मनाओ रे।
दिल के दिये आज दिल से जला दो रे,
चारों ओर रोशनी से अँगना सजा दो रे।
पूरा हुआ आज देखो फिर वनवास है,
नफ़रतों से जीतकर आई मिठास है।
गली-गली फैला मेरे राम का प्रकाश है,
पूरा हुआ आज देखो फिर बनवास है।
फूल बरसाओ आज जग महका दो रे,
चारों ओर रोशनी से अँगना सजा दो रे।
राम जी अवध में आए आज झूमो गाओ रे,
होली दिवाली आज संग-संग मनाओ रे।
झूठ सारे मिट गए साँच पे न आँच है,
सरयू भी झूमती भोले का नाच है।
हनुमत का पूरा हुआ आज उपवास है,
पूरा हुआ आज देखो फिर वनवास है।
दिल-ओ-जाँ से रूह तक राह में बिछा दो रे,
चारों ओर रोशनी से अँगना सजा दो रे।
राम जी अवध में आज झूमो गाओ रे,
होली दिवाली आज संग-संग मनाओ रे।
सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)