सावन में शिव अर्चना - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

सावन में शिव अर्चना सोम दिवस अति नेम। 
अवढर दानी चाहते शुद्ध सरल शुचि प्रेम॥ 

शुद्ध सरल शुचि प्रेम दूध घी चन्दन वारो। 
जप लो नमः शिवाय गंग जल उन पर डारो॥ 

गौरा माँ के पाँव 'अंशु' पूजो मनभावन। 
देते शिव वरदान सदा आते घर सावन॥ 

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फ़तेहपुर (उत्तर प्रदेश)

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