संदेश
बिखरे ना परिवार हमारा - कविता - अंकुर सिंह
भैया न्याय की बातें कर लो, सार्थक पहल इक रख लो। एक माँ की हम दो औलादें, निज अनुज पे रहम कर दो॥ हो रहा परिवार की किरकिरी, गली, नुक्कड़ …
भाई - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
भाई बिन सूनो जगत् जस पादप बिन पात। हृदय सिन्धु में धड़कता वहीं सहोदर भ्रात॥ वही सहोदर भ्रात बने जीवन की धारा। जब संकट की मार समर्पि…
कलयुगी विभीषण - कहानी - अंकुर सिंह
प्रेम बाबू का बड़ा बेटा हरिनाथ शहर में अफ़सर के पद पर तो छोटा बेटा रामनाथ सामाजिक कार्यों से अपने कुल परिवार की प्रतिष्ठा बढ़ा रहे थे। …
प्यारे भैया - कविता - दीपा पाण्डेय
अब के बरस भाई तुम आना, बहना के घर द्वार। राखी की तुम लाज बचाना, भूल न जाना प्यार। नहीं चाहिए धोती-साड़ी, न कोई उपहार। भैया मैं तो माँगू…
भाई बिन सूनो जगत् - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
भाई बिन सूनो जगत्, जस पादप बिन पात। हृदय सिन्धु में धड़कता, वही सहोदर भ्रात॥ वही सहोदर भ्रात, बने जीवन की धारा। जब संकट की मार, समर्पि…
धन के सँग सम्मान बँटेगा - कविता - अंकुर सिंह
धन दौलत के लालच में, भाई भाई से युद्ध छिड़ा है। भूल के सगे रिश्ते नातों को, भाई-भाई से स्वतः भिडा़ है।। एक ही माँ की दो औलादें, नंगी ख…
बहन - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
बहन छोटी हो या बड़ी बहन बड़ा आधार होती है, भाई बहनों और पापा मम्मी के मध्य सूत्रधार होती है। भाई बहन का संबल और दोस्त, राज़दार होती है…
उपहार - कहानी - पुश्पिन्दर सिंह सारथी
रक्षाबन्धन का समय नज़दीक आने लगा और मोहन अपनी छोटी बहिन को उपहार देने के लिए दिन रात ऑटो चला कर पैसे कमाने मे व्यस्त था। जैसे जैसे समय…
उत्तरदायित्व - लघुकथा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
माहिष्मती गाँव में ललिता देवी नामक एक सुसभ्य सुसंस्कृत महिला रहती थी। उनके पति गौरी शंकर एक पढ़े लिखे और निहायत भद्र स्वभाव के स्वाभिमा…
कामयाबी का परिणाम - लघुकथा - गाज़ी आचार्य "गाज़ी"
एक छोटे से गाँव की बात है जहाँ चरनदास का परिवार रहता था जिसके दो बेटे राम और श्याम थे। राम और श्याम की माता कमला देवी उन्हें बचपन में …
साथ-साथ हैं - लघुकथा - सुषमा दीक्षित शुक्ला
दीपू एक ऐसा बालक था जो सेठ मानिकचन्द अग्रवाल को वर्षो पूर्व सड़क पर लावारिस और विकल अवस्था रोता बिलखता मिला था। तब उसकी आयु लगभग पाँच छ…
कोख का बँटवारा - लघुकथा - अंकुर सिंह
रामनारायण के दो बेटों का नाम रमेश और सुरेश है। युवा अवस्था में रामनारायण के मृत्यु होने के बाद उनकी पत्नी रमादेवी ने रामनारायण के जमा-…
तुम हो मेरे प्यारे भाई - कविता - सुनील धाकड
देख तुम्हें होता ख़ुश मैं, मन होता प्रफुल्लित सा। मेरे गम को हरदम भुलाया, जग में तुमने नाम कमाया। नाम तुम्हारा बड़ा प्यारा, तुम्हारे नाम…
आधुनिक भाई - कविता - प्रवीन "पथिक"
देखता हूँ, उन कृतघ्नों को, गले में शराब की बोतल उड़ेलते, भाग्य को सराहते, खुशियाँ मना रहे हैं। याद आता है वह दुर्दिन, मरा था जब इनका द…
भाई बहन - बाल गीत - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
अपने सब कामों से हैं सबको रिझाते। भाई बहन प्यार के हैं गीत गुनगुनाते।। साथ-साथ रहते हैं, साथ-साथ खाते। साथ-साथ लड़ते झगड़ते खिलखिलाते।…
बड़ा भाई - कविता - प्रवीन "पथिक"
बहुतों से मिला प्यार मुझे, खुशियाँ भी मिली हर बार मुझे। खाई साथ जीने की कसमें, मानने को; सब तैयार मुझे। एक आया तूफाँ मेरे जीवन पे,…
बहिन के नाम भाई की पाती - ग़ज़ल - अशोक योगी "शास्त्री"
तुम्हे दुनियाँ की सबसे खूबसुरत मै मानता हूँ , तुम मे ही अक्श माँ का मै ढूंढता हूँ ! याद आती है तेरी बचपन क…
भाई जैसा इस दुनियां में दूजा यार कहां - गीत - अशोक योगी "शास्त्री"
ग़र छुपाने पड़े भाव भाई से तो प्यार कहां भाई जैसा इस दुनियां में दूजा यार कहां। सुवासित हो घर आंगन गर भाई से भेद…
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