संदेश
मुझको जग में आने दो माँ - कविता - अजय कुमार 'अजेय'
मुझको जग में आने दो माँ, यूँ मत मुझको जाने दो माँ। सदा तुझे आभार कहूँगी, माँ तुझसे मैं प्यार करूँगी। माँ तेरी हूँ मैं लाड़ो प्यारी, बन…
बेटी - कविता - महेन्द्र सिंह कटारिया
बेटी युग के नए दौर में, भूमिका निज निभा रहीं हैं। छूकर बुलंदियों की ऊँचाई, मान-सम्मान सब पा रहीं हैं। ज्ञान-विज्ञान प्रौद्योगिकी सहित,…
मेरी जान मेरी बेटी - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
बन के उजाला आई है मेरी जान मेरी बेटी, बन के आई मेरी मूरत मेरी पहचान मेरी बेटी। सूना था ये गुलिस्ताँ तेरे आने से खिल गया, पूरी हुई हर आ…
बेटी - कविता - गणेश भारद्वाज
भाग्य से मिलती है बेटी, हर नर के ऊँचे भाग कहाँ। जिस आँगन भी यह फूल खिला, करती है लक्ष्मी वास वहाँ। बिन बेटी घर-आँगन सूना, घर-आँगन की श…
बिटिया रानी - लघुकथा - राखी गौर
"अरे रीमा! तुम आ गई।" "हॉं बड़ी मॉं! और आप कैसी हो?" "मैं तो ठीक हूँ, तुम कैसी हो?" "मैं भी एक दम म…
बेटी - कविता - रमेश चन्द्र यादव
होते संचित पुण्य मानव के, घर मे तब आती है बेटी। बहन भार्या और माता, जाने, कितने रूप निभाती है बेटी। परिवार रहे ख़ुशहाल सदा, वृत और त्यौ…
बलात्कार - कविता - रमाकान्त चौधरी
दुष्कर्म किसे कहते हैं सब दुराचार क्या होता पापा? नन्ही बिटिया पूछ रही है बलात्कार क्या होता पापा? दुराचार है काम दुष्ट का कोशिश की …
मतना गर्भ म्हं मार बेटी - हरियाणवी ग़ज़ल - समुन्द्र सिंह पंवार
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 मतना गर्भ म्हं मार बेटी, सृष्टि का सिंगार बेटी। लक्ष्मी का हो रूप दूसरा, मतना समझो भार ब…
एक गुड़िया सी लड़की - कविता - रमाकान्त चौधरी
एक गुड़िया सी लड़की घर में, बातें बहुत बनाती है, है नटखट शैतान बहुत, पर सबके दिल को भाती है। घर भर को है ख़ूब रिझाती, अपनी मीठी बोली …
बेटियाँ मन की सच्ची - कुण्डलिया छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
गीता के संरक्षकों, बन बनिए जयचंद। कर बेटी के चमन में, दख़लंदाज़ी बंद॥ दख़लंदाज़ी बंद, बेटियाँ मन की सच्ची। शुरुआती है दौर, अभी भी लगती बच्…
जीवन की मुस्कान है बेटी - कविता - विजय कुमार सिन्हा
जीवन की मुस्कान पापा की पहचान ईश्वर द्वारा प्रदत्त वरदान कौन है वह? निश्चित तौर पर वह बेटी ही माँ के सो जाने पर जो कहती थपकी देकर…
बेटी - कविता - लाखम राठौड़
किसी गाय के बाछे की तरह टुकर-टुकर देखती असहाय-सी निरीह उदास बेटी, आँगन में गेरुए रंग बनी रंगोली की एक सुंदर लेकिन मिटि-मिटि-सी लकीर बे…
पुण्य का परिणाम है बेटी - कविता - अखिलेश श्रीवास्तव
पिता की आत्मा माँ का अभिमान होती है बेटी, पूर्व जन्मों में किए पुण्य का परिणाम होती है बेटी। मेरे जीवन का वो सुनहरा दिन था, जब मेरे घर…
बेटी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
भारत की बेटी दुर्गा है, भारत की बेटी सीता है। रण चंडी बन वह युद्ध करे, गीता सी परम पुनीता है। लक्ष्मीबाई रजिया बन कर, बैरी को मात दिया…
बेटी - लघुकथा - डॉ॰ यासमीन मूमल 'यास्मीं'
(ऑल इंडिया अस्पताल का कैंसर वार्ड) याशी - माँ अब कैसी तबियत है? माँ - घबराओं नहीं बेटा बेहतर हूँ। याशी - मगर... माँ मुस्काते हुए पगली …
मुझे बहू ना मान लेना - कविता - समीर उपाध्याय
मैं बेटी हूँ... बाबुल की छत्रछाया छोड़कर आई हूँ, मां का आँचल छोड़कर आई हूँ, भैया के हाथों की कलाई में प्यार की निशानी छोड़कर आई हूँ, म…
बेटियाँ एक पीढ़ी बनाती - कविता - विनय विश्वा
कैमूर की बेटी रातरानी (इंटर परीक्षा में जिला टॉपर) के लिए साथ ही उन तमाम बेटियों को समर्पित है यह कविता जो अपने लक्ष्य को समर्पित होकर…
बिदाई : एक पिता का दर्द - कविता - जॉयस जया रौनियार
नन्ही सी बगिया का फूल आज होके चली पराई, देख पिता कि मन और आँख भर आई, पर होठो पे बस मुस्कान ही दिखाई। जिन्हें हाथो से पालने को इतने ध्य…
हमारी बेटियाँ - कविता - मनोरंजन भारती
बेटियाँ हमारी आशा है, दुनियाँ है दादी की कहानी की परियाँ है माँ की निशानियाँ है पापा की ख़ुशियाँ है! बेटियाँ हमारी घरती है जो हर दु:ख-द…
दहेज प्रथा - कविता - अभिषेक विश्वकर्मा
एक ओर हैं फेरे चलते, एक ओर बेटियाँ जलती है, दहेज नहीं! तो मारा उसको, ये कैसी रीतियाँ पलती हैं। पिता कमाता पूरा जीवन अपनी बेटी के ख़ातिर…
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