अपनालो स्वदेशी - बुंदेली गीत - डॉ. अरविंद श्रीवास्तव "असीम"

अपना लो, स्वदेशी
ये भइया! अपना लो।

डूब रहे उद्योग हैं सब रे
निर्यातक दिख रहे हैं डरे
माल देश को घरन मंगा लो।
अपना लो, स्वदेशी
ये भइया! अपना लो।

जासें सबरौ काम बनेगो
देश को रुपया हैंई रहेगो   
अर्थविवस्था अपनी बचा लो।
अपना लो, स्वदेशी
ये भइया! अपना लो।

मजदूरन खों काम मिलेगौ        
जासें देश को मान बढ़ेगौ
अंधयारो है दीप जला लो।
अपना लो, स्वदेशी
ये भइया! अपना लो।

भौत गरीबी देश में दिख रई
गुन, प्रतिभा की पूंछ ना हो र्ई
गीत स्वदेशी अब तुम गालो।

अपना लो स्वदेशी 
ये भइया! अपना लो।

डॉ. अरविंद श्रीवास्तव "असीम" - दतिया (मध्य प्रदेश)

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