हमारी बेटियाँ - कविता - मनोरंजन भारती

बेटियाँ हमारी आशा है, दुनियाँ है
दादी की कहानी की परियाँ है
माँ की निशानियाँ है
पापा की ख़ुशियाँ है!

बेटियाँ हमारी घरती है
जो हर दु:ख-दर्द को सहती है
एक भाई का नोकझोक की दुकान है!

बेटियाँ हमारी देवी है
अल्लाह की रहमत है
घर का संस्कार है
बच्चों का आकार है
दो घरों को उजाला देने वाली 
बेटियाँ हमारी चराग़ है
बेटियाँ हमारी आशा है, दूनियाँ है!

मनोरंजन भारती - भागलपुर (बिहार)

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