संदेश
क़दम रखूँ - कविता - दिव्या मिश्रा
क़दम रखूँ ज्यों शिखर पर सराहना हे! राम मन मस्त मगन उड़ती फिरूँ स्वतंत्र बनाना हे! राम ज़िम्मेदारी को सिद्ध करूँ सशक्त बनाना हे! राम क़दम.…
मँझधार फँसी नैया - गीत - उमेश यादव
मँझधार फँसी नैया, उद्धार करा देना। जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ सुख-दुःख ही जीवन है, मन को समझाना है। संघर्ष भरा बीहड़ वन, …
याचना - ताटंक छंद - संजय राजभर 'समित'
जीवन क्या है यही समझने, गंगा जल भर लाया हूँ। महादेव! मैं याचक बनकर, तेरे दर पे आया हूँ। बने न बंजर धरती सारी, विष का प्याला पी डा…
विपदा हरो माँ - गीत - रविंद्र दुबे 'बाबु'
शेर पे सवार, मेरी माँ शेरावाली, पापियों का करे संहार, माँ शेरावाली। पर्वत पर है राज करे माँ, झोली सभी की तू भर दे माँ। आया हूँ तेरे द…
हे माँ! उद्धार करो - गीत - गोकुल कोठारी
अज्ञान, तमस का रक्तबीज जो बढ़ता ही जाता है, नए कलेवर में दानव सेना, सचमुच जी घबराता है। हे मातुशक्ति! हे कल्याणी! फैला है कलुष उद्धार …
हे गणेश - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
हे गणेश गिरिजा सुवन! जय गणपति महाराज। मंगल मूर्ति शिव तनय, पूर्ण करो सब काज। हर माता की गोद को, रखो सदा आबाद। सार्थक कर दो जन्म ये, ना…
गणेश वन्दना - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
गजानन पधारो घर पुनः प्रकट, शिवनन्दन देवेश अघारी। गणपति बप्पा मौर्या वंदन, अभिनंदन गणेश तुम्हारी। पद सरोज गणपति नमन विनत, करूँ गजा…
प्रभु छोड़ न देना साथ मेरा - गीत - गोकुल कोठारी
चाहे फूल दो मुझको या काँटे, प्रभु छोड़ न देना साथ मेरा। बड़ी दूर तलक ये जीवन पथ, प्रभु छोड़ न देना हाथ मेरा। ज़ख्म भले ही टीसें प्रभु …
हे! कृष्ण तुम्हें आना होगा - कविता - अखिलेश श्रीवास्तव
अब हाथ जोड़कर विनती है, हे! कृष्ण तुम्हें आना होगा। अपनी नीति और गीता का, उपदेश तुम्हें दुहराना होगा। कंस जैसे राक्षसों का अब, साम्राज…
दिशा दो नाथ - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
जैसा कहते आप हैं, करन चहौं दिन-रात। बिन आज्ञा नहिं डोलत, थर-थर पीपर पात॥ थर-थर पीपर पात, धरा को पग में बांधे। सारा जग का बोझ, धरे हो अ…
माँ शारदे की चरणों में - गीत - प्रवीन 'पथिक'
हे माँ! इतनी शक्ति दो, उर में अगाध भक्ति दो। कि तुझसे दूर न जाऊँ मैं, बस तुझको दिल में पाऊँ मैं। हो जाए यदि राह भ्रमित, दुनिया की लुभा…
हे वीणा वादिनी स्वागत बारंबार है - कविता - आशीष कुमार
हम बच्चों को सबसे प्यारा वसंत पंचमी त्यौहार है, हे वीणा वादिनी शारदे मैया स्वागत बारंबार है। निर्मल मन से मूर्ति बैठाते विधि विधान से …
ज्ञान दायनी माता मेरी नैया पार लगा दो - कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
दूर-दूर तक तम ने अपनी, चादर है फैलाई। तरस रहे हम उजियारे को, तम ने कला दिखाई। तम को दूर भगा दो अम्बे ज्ञान का दीप जला दो। ज्ञान दायनी …
सरस्वती वन्दना - कविता - अनिल भूषण मिश्र
हे ज्ञानदायिनी बुद्धिदायिनी माँ सरस्वती तुम हो कितनी महान, नहीं कोई कर सकता इसका बखान। त्रिभुवन तुम्हारी आभा से है चमक रहा, तुम्हारा द…
जगत जननी माँ - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
ओ माँ! जगत जननी माँ, अब मेरा कल्यान कर दे। हम तो हैं इक शिशु तुम्हारे, माँ हृदय में ज्ञान भर दे। 2 हे क्षमामयि! हे दयामयि! अब मेरा उद्…
विश्वात्मा हो कहाँ तुम? - कविता - कार्तिकेय शुक्ल
मैं तो कुछ कहता नहीं, फिर भी मेरी आँखें हैं कहती। जो कभी मैं देखता नहीं, वे सारी राज़ हैं ये खोलती। और कि विश्वास मेरा कहता है चीत्कार …
विनती प्रभु स्वीकार करो - मानव छंद - डॉ॰ आदेश कुमार गुप्ता पंकज
शरण आप की आया हूँ। साथ न कुछ भी लाया हूँ।। विनती प्रभु स्वीकार करो। शीश पर अपना हाथ धरो।। मैं अज्ञानी ज्ञान नहीं। भूलों का है भान नहीं…
सरस्वती वंदना - कविता - डॉ॰ रवि भूषण सिन्हा
माँ तेरे पैरों पर, शब्दों का फूल चढ़ाता हूँ। तेरे सम्मुख, अपनी लेखनी अर्पित करता हूँ। ह्रदय से मैं तुझे, नमन बार-बार करता हूँ। अपने अ…
भगवान् श्रीकृष्ण का अवतरण - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
पुनः अवतरण इस धरती पर, आश्रय केवल कृष्ण तुम्हारा। क्षरण हो रहा है संस्कृति का, स्वार्थमयी हैं सारे बंधन। ऐसी विषम परिस्थिति में प्रभु,…
त्राहिमाम् - कविता - ममता मनीष सिन्हा
हे गिरिधर कृष्ण मुरारी आओ! अब मानवता त्राहिमाम् करे। वसुधा रो रही विकल व्याकुल, कौन जगपालक प्रमाण धरे? जग व्याकुल है, नर है व्याकुल, य…
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