मँझधार फँसी नैया - गीत - उमेश यादव

मँझधार फँसी नैया - गीत - उमेश यादव | Geet - Manjhdhaar Fansi Naiyaa. भक्ति प्रार्थना गीत
मँझधार फँसी नैया, उद्धार करा देना। 
जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ 

सुख-दुःख ही जीवन है, मन को समझाना है। 
संघर्ष भरा बीहड़ वन, लड़ते ही जाना है॥ 
अंतस में साहस का, अंबार लगा देना। 
जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ 

उर निर्मल बन पाए, वरदान हमें देना। 
अभिमान न हो मन में, सदज्ञान हमें देना॥ 
दुष्चिन्तन को मन से, प्रभु दूर भगा देना। 
जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ 

दुष्कर्मों से भगवन, मुझे दूर ले जाओगे। 
परहितमय हो जीवन, सन्मार्ग दिखाओगे॥ 
कल्मष कषाय मन से, प्रभु दूर हटा देना। 
जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ 

प्रभुवर सद्चिंतन से, सद्भाव जगाएँगे। 
मन तुझमें रम जाए, कर्तव्य निभाएँगे॥ 
हो भूल अगर हमसे, दिल से न लगा लेना। 
जीवन की कश्ती को, प्रभु पार लगा देना॥ 

उमेश यादव - शांतिकुंज, हरिद्वार (उत्तराखंड)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos