ओ माँ! जगत जननी माँ,
अब मेरा कल्यान कर दे।
हम तो हैं इक शिशु तुम्हारे,
माँ हृदय में ज्ञान भर दे। 2
हे क्षमामयि! हे दयामयि!
अब मेरा उद्धार कर।
दिल मे हो तेरा बसेरा,
माँ तु मुझसे प्यार कर।
दुःख के बादल छाँट दे माँ,
प्रेम से संसार भर दे!
ओ माँ! ...
हम तो हैं इक ...
माँ मुझे तू ही उबारे,
हम तो हैं तेरे सहारे।
कब से हैं तुमको पुकारे,
आ मेरा जीवन सँवारे।
अपनी ममता को लुटा माँ,
प्यार का आँचल फहर दे।
ओ माँ! ...
हम तो हैं इक ...
सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)