क़दम रखूँ - कविता - दिव्या मिश्रा

क़दम रखूँ - कविता - दिव्या मिश्रा | Hind Kavita - Qadam Rakhoon - Divya Mishra
क़दम रखूँ ज्यों शिखर पर
सराहना हे! राम
मन मस्त मगन उड़ती फिरूँ
स्वतंत्र बनाना हे! राम
ज़िम्मेदारी को सिद्ध करूँ
सशक्त बनाना हे! राम
क़दम...
बेसहारों का छत्र बनूँ
बेमिसाल बनाना हे! राम
श्रम की पुजारन बनूँ
कर्मठ बनाना हे! राम
क़दम...
जीव पर उपकार करूँ
दयावान बनाना हे! राम
धर्म का अनुसरण करूँ
आध्यात्मिक बनाना हे! राम
क़दम...

दिव्या मिश्रा - कानपुर नगर (उत्तर प्रदेश)

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