पुलवामा के अमर शहीद - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला

पुलवामा के अमर शहीदों,
तुमको भुला नहीं सकते।

त्याग और बलिदान तुम्हारा,
उसको भुला नहीं सकते।

वैलेंटाइन डे के दिन जब,
मातृभूमि हित प्राण दिया।

पत्नी प्रेयसि सब कुछ त्यागी,
भारत माँ से प्यार किया।

पुलवामा के वीर शहीदों,
व्यर्थ न जाए क़ुर्बानी।

तुमको तो अमरत्व मिला है,
हम सबकी आँखों में पानी।

पुलवामा के अमर शहीदों,
तुमको भुला नही सकते।

त्याग और बलिदान तुम्हारा,
उसको भुला नही सकते।

सुषमा दीक्षित शुक्ला - राजाजीपुरम, लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिये हर रोज साहित्य से जुड़ी Videos