संदेश
गुरु - कविता - गोकुल कोठारी
सोचो, उसके बिना कैसी होती धरा, अज्ञान की एक गहन कंदरा। मैं भटकता इस तिमिर में कहाँ, जो बनकर उजाला वो आता नहीं, मैं खो जाता इन अँधेरों …
गुरु वंदना - कविता - आर॰ सी॰ यादव
हे ईश तुल्य! हे पूज्य गुरु! तम हर, प्रकाशमय जीवन कर दे। प्रज्ञा प्रखर, निर्मल पावन मन, ख़ुशियों से घर-आँगन भर दे॥ बुद्धि विवेक प्रखर हो…
गुरुगान - कविता - डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा'
गुरू देता सत्य का ज्ञान जिससे संकट दूर हो जाता है सारा। सूर्य सा तेजस्वी स्वरुप ले गुरु ने सबका जीवन सँवारा। अज्ञानता के घोर तम से गुर…
सत्य - कविता - ईशांत त्रिपाठी
सत्य को संतृप्त करता सत्य का नमस्कार है। सत्य जिनसे पुष्ट है वह सत्य का उपकार है। सत्य का जो मार्ग दृश्य नित्य नानाकार है। सत्य से संक…
गुरु ही पूर्ण वंदना - कविता - राघवेंद्र सिंह
प्रशस्त पुण्य पंथ पर, अखण्ड दीप जल रहा। है ज्ञान ज्योति बन गुरु, वह विश्व को बदल रहा। है शांति का प्रतीक भी, वह शिष्य की उड़ान है। है …
गुरु महिमा - घनाक्षरी छंद - रविंद्र दुबे 'बाबु'
गुरु ज्ञान का अमृत, जिसका न कभी अंत। अज्ञानता गुरुवर, करते हरण-हरण॥ दीप ज्ञान का जलाए, अंधकार को मिटाए। नमन वंदन गुरु, कमल चरण-चरण॥ कर…
गुरु वंदना - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
गुरु ही जीवन की माला है, इनके चरण पद्म का वंदन। याद आ रही बार-बार है, जिसने मुझे पढ़ाया था। मृदुल हाथ से थपकी देकर, जिसने मुझे जगाया थ…
गुरु जी - कविता - समुन्द्र सिंह पंवार
तुझको शीश झुकाता गुरु जी, तुम हो ज्ञान के दाता गुरु जी। तुम ही ब्रम्हा और विष्णु, महेश, तुम ही भाग्य विधाता गुरु जी। पहले आपको फिर हरि…
आदर्श शिक्षक - बाल गीत - भगवत पटेल 'मुल्क मंजरी'
जीवन भर जो सीखे बच्चों वो शिक्षक कहलाता है। पढ़ता लिखता और सिखाता, नवाचार वो करता है। अपना धर्म सही निभा कर, युग निर्माण करता है। पदचि…
गुरु - कविता - आराधना प्रियदर्शनी
अनमोल अनुभव जुड़ जाते हैं, गहन अध्ययन एवं संप्रीति से। फिर वही विद्वता साक्षात्कार कराती है हमें, हमारे उज्जवल भविष्य व उन्नति से।। …
शिक्षा का उजाला - कविता - डॉ॰ राजेश पुरोहित
नया भारत बनाना है, सबको ही पढाना है। जो अनपढ़ है उनको भी, राहें तो दिखाना है।। वतन अपना तरक़्क़ी तो, तभी ही कर पाएगा। घर घर ज्ञान का दीपक…
गुरु ज्ञान दीप रवि सम समझो - कविता - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
गुरु बिन ज्ञान न हो जीवन में, अरुणाभ दिवाकर गुरु समझो। घनघोर निशा अज्ञान तिमिर, गुरु चन्द्रप्रभा जीवन समझो। छल छद्म द्वेष ईर्ष्या लालच…
नमन करूँ शत बार - कुण्डलिया छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'
शिक्षक जी आदर सहित, नमन करूँ शत बार। सिर पर मेरे हाथ रख, देना अपना प्यार।। देना अपना प्यार, कृपा तुम मुझ पर करना। अंधकार अज्ञान, सदा ज…
मेरे गुरुजी सबसे अच्छे - बाल कविता - डॉ॰ कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
आँखों मे चश्मा चमक रहा, है गेहुँआ रंग। धोती कुर्ता पहन कर आते, अजब निराले ढंग।। पतली छड़ी साथ वो लाते, जब कक्षा में आते। सब डर जाते देख…
गुरु महिमा - कविता - सरिता श्रीवास्तव 'श्री'
गुरु ज्ञान की ज्योति अनोखी, अंतस फैला तिमिर मिटाए। अनगढ़ मूढ़ शून्य शिष्य को, सघन शून्य महत्व सिखाए।। दीपक जैसा जलता जाए, शिष्य अंतर प…
प्रिय गुरुवर - कविता - दीपा पाण्डेय
वंदन-अभिनन्दन करती हूँ, बारम्बार नमन करती हूँ। आज दिवस है पाँच सितम्बर, प्रिय गुरुवर, स्नेहिल गुरुवर। ज्ञान के सागर, पथ के प्रदर्शक,…
गुरु शिष्य का भाग्य विधाता - कविता - रमाकांत सोनी
क़िस्मत का ताला खुल जाता, गुरु शिष्य का भाग्य विधाता। ज्ञान ज्योति जगा घट घट में, अंतर्मन उजियारा लाता। शिल्पकार मानव निर्माता, शत् श…
शिक्षक दिवस - कविता - रतन कुमार अगरवाला
ज़िंदगी में सर्वप्रथम गुरु, हमारे माता पिता को नमन। उनके बाद आते शिक्षक, जिनका करूँ मैं अभिनंदन। “अ” से लेकर “अ:” तक, “क” से लेकर “ज्ञ”…
गुरु - कविता - डॉ॰ सत्यनारायण चौधरी
शिक्षक वह जो करें मार्ग प्रशस्त, जिसके सीख से अज्ञान हो अस्त। जीवन को मिलता नव संगीत, वही सद्चरित और उन्नति का मीत। गुरु ही तो होता है…
गुरु की महिमा - कविता - अभिषेक श्रीवास्तव 'शिवाजी'
गुरु गुण से से परिपूर्ण रहते ज्ञान का मार्ग बताते हैं, हमें सत्य के मार्ग में चलने को प्रेरणा सूत्र दिलाते हैं। हमारी ग़लतियों को सुधार…