श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल' - लहार, भिण्ड (मध्य प्रदेश)
नमन करूँ शत बार - कुण्डलिया छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव 'कोमल'
रविवार, सितंबर 05, 2021
शिक्षक जी आदर सहित, नमन करूँ शत बार।
सिर पर मेरे हाथ रख, देना अपना प्यार।।
देना अपना प्यार, कृपा तुम मुझ पर करना।
अंधकार अज्ञान, सदा जीवन का हरना।।
कह 'कोमल' कविराय, आप शिष्यों के रक्षक।
भरते ज्ञान प्रकाश, सदा शिष्यों में शिक्षक।।
करते हैं उनको नमन, देते ज्ञान प्रकाश।
तम विकार अज्ञान का, करते सदा विनाश।।
करते सदा विनाश, सत्य का बोध कराते।
हम आदर सम्मान, भाव से शीश झुकाते।।
कह 'कोमल' कविराय, ज्ञान जीवन में भरते।
शिष्यों का तम दूर, प्रकाशित जीवन करते।।
साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर