संदेश
नुक़्ते से भी कुछ कम में सिमट जाएँगे इक दिन - ग़ज़ल - सालिब चन्दियानवी
अरकान : मफ़ऊल मफ़ाईल मफ़ाईल फ़ऊलुन तक़ती : 221 1221 1221 122 नुक़्ते से भी कुछ कम में सिमट जाएँगे इक दिन, दुनिया तेरे परदे से जो हट जा…
माँ के आँचल में ज़रा सा ठहर के देखें - ग़ज़ल - दिलीप वर्मा 'मीर'
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन मफ़ऊलु तक़ती : 2122 1212 221 माँ के आँचल में ज़रा सा ठहर के देखें, जन्नत वहीं है ज़रा दिल में उतर के देखें। …
मतना गर्भ म्हं मार बेटी - हरियाणवी ग़ज़ल - समुन्द्र सिंह पंवार
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 मतना गर्भ म्हं मार बेटी, सृष्टि का सिंगार बेटी। लक्ष्मी का हो रूप दूसरा, मतना समझो भार ब…
वो ग़ज़ल तुम्हारी है लेकिन वो मेरे मन की भाषा है - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
वो ग़ज़ल तुम्हारी है लेकिन वो मेरे मन की भाषा है, जब भी पढ़ती हूँ लगता है यह जन्मों की अभिलाषा है। हर शब्द शब्द कहता मुझसे यह है मेरी ह…
जब चादर-ए-यक़ीं में कई छेद हो गए - ग़ज़ल - सालिब चन्दियानवी
अरकान : मफ़ऊल फ़ाइलात मफ़ाईल फ़ाइलुन तक़ती : 221 2121 1221 212 जब चादर-ए-यक़ीं में कई छेद हो गए, हम चीज़ क्या थे हममें भी मतभेद हो गए…
चलाे चले हम कसम ये खालें - ग़ज़ल - के॰ पी॰ सिंह 'विकल'
अरकान : मुफ़ाइलातुन मुफ़ाइलातुन मुफ़ाइलातुन मुफ़ाइलातुन तक़ती : 12122 12122 12122 12122 चलाे चले हम कसम ये खालें, कि हर किसी से वफ़ा करे…
ज़िंदगी के रंगमंच पर हर किरदार को निभा जाएँगे - ग़ज़ल - दिलीप वर्मा 'मीर'
ज़िंदगी के रंगमंच पर हर किरदार को निभा जाएँगे, ये दोस्त देख हम कठपुतली है हर दर्द छिपा जाएँगे। नचाती हैं दुनिया मुझे अपनी ऊँगलीयों के इ…
इस मासूम से हसीन चेहरे पर ये तल्ख़ कैसा है - ग़ज़ल - दिलीप वर्मा 'मीर'
अरकान : फ़ाइलुन मुफ़ाईलुन फ़ाइलुन मुफ़ाईलात तक़ती : 212 1222 212 12221 इस मासूम से हसीन चेहरे पर ये तल्ख़ कैसा है, हम तेरी निगाहों में फ…
संधि की शर्तों पे कायम हो गई है दोस्ती - ग़ज़ल - प्रशान्त 'अरहत'
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन तक़ती : 2122 2122 2122 212 संधि की शर्तों पे कायम हो गई है दोस्ती, अब नए आयाम गढ़ती जा …
रहूँ ख़ुद में मलंग इतना - ग़ज़ल - सुनिल खेड़िवाल
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 122 रहूँ ख़ुद में मलंग इतना, गर्दिश-ए-अय्याम ना आए, तू आए या ना आए, तस…
वक़्त को यूँ न ठुकराइए - ग़ज़ल - दीपा पाण्डेय
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन तक़ती : 212 212 212 वक़्त को यूँ न ठुकराइए, वक़्त है क़ीमती जानिए। ख़्वाबों में मंज़िलें ही सही, ख़ुद को श्रम …
न एहमियत न एहतराम समझता है - ग़ज़ल - रज्जन राजा
अरकान : मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन फ़ा तक़ती : 1212 1212 1212 2 न एहमियत न एहतराम समझता है, हर शख़्स तुझे नाकाम समझता है। तेरी फ़ितरत है …
इश्क़ जब बेहिसाब होता है - ग़ज़ल - शमा परवीन
अरकान : फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन तक़ती : 2122 1212 22 इश्क़ जब बेहिसाब होता है, हिज्र भी लाजवाब होता है। तेरा चेहरा है बज़्म में ऐसा, …
न दौलत इमारत विरासत सियासत न ताक़त हिमाक़त न कोई गिला है - ग़ज़ल - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
अरकान : फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन तक़ती : 122 122 122 122 122 122 122 122 न दौलत इमारत विरासत सियासत न ताक़…
एक पल के लिए भी मुख मोड़ती नहीं - ग़ज़ल - रज्जन राजा | ग़रीबी पर ग़ज़ल
अरकान : मफ़ऊलु फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन तक़ती : 221 2121 1221 212 एक पल के लिए भी मुख मोड़ती नहीं, नाता हमारा सुख से कभी जोड़ती नहीं। कई प…
उससे पूछा कुछ दिन पहले - ग़ज़ल - ममता शर्मा 'अंचल'
अरकान : फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती : 22 22 22 22 उससे पूछा कुछ दिन पहले, बनकर मीत साथ में रह ले। रिश्ते को मज़बूती देकर, फिर जो जी…
अररररे! ये क्या कर आए तुम - ग़ज़ल - रज्जन राजा
अरकान : फ़ऊलुन मफ़ऊलु फ़ऊलुन फ़ा तक़ती : 122 221 122 2 अररररे! ये क्या कर आए तुम, उजाड़ कर धूप के साए तुम। इक अपना घर बनाने के वास्ते,…
दिल तुम्हारे दिल में अपना इक ठिकाना ढूँढ़ता है - ग़ज़ल - सुशील कुमार
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 2122 2122 दिल तुम्हारे दिल में अपना इक ठिकाना ढूँढ़ता है, हो मिलन ध…
दौड़ में जुटने लगे हैं आदमी अब - ग़ज़ल - नागेन्द्र नाथ गुप्ता
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन तक़ती : 2122 2122 2122 दौड़ में जुटने लगे हैं आदमी अब, छोड़ के बैठे पुरानी सादगी अब। बढ़ गया काग़ज़ …
यहाँ पहले कभी ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा - ग़ज़ल - आयुष सोनी
अरकान : मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन तक़ती : 1222 1222 1222 1222 यहाँ पहले कभी ऐसा कोई मंज़र नहीं देखा, कि मैंने आसमाँ दे…