दीपा पांडेय - चम्पावत (उत्तराखंड)
वक़्त को यूँ न ठुकराइए - ग़ज़ल - दीपा पाण्डेय
रविवार, दिसंबर 04, 2022
अरकान : फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन
तक़ती : 212 212 212
वक़्त को यूँ न ठुकराइए,
वक़्त है क़ीमती जानिए।
ख़्वाबों में मंज़िलें ही सही,
ख़ुद को श्रम में डुबो लीजिए।
राह में काँटे चुभ भी गए,
फूल बनके खिला कीजिए।
डोर रिश्तों की टूटे नहीं,
तन में धीरज समा लीजिए।
सुख की कलियाँ ही जग में सही,
ग़म के पौधों को मत रोपिए।
निंदा रस में समाने से पहले,
ख़ुद की परछाई में झाँकिए।
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