विवाह - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | विवाह पर दोहे

विवाह - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | विवाह पर दोहे | Vivah Dohe. Marriage Dohe. Wedding Doha. शादी पर दोहे
नर-नारी कारण जगत, जीवन का आधार।
शुभ विवाह बन्धन प्रणय, सप्त बन्ध परिवार॥

रिश्ते नाते सब यहाँ, बस  विवाह  सम्बन्ध।
धर्म सनातन आस्था, कुसुमित प्रीति सुगन्ध॥

खिले ज़िंदगी बांगवां, नारी पुरुष विवाह।
महकें ख़ुशियाँ मधुरता, सांसारिक सुख चाह॥

अन्तर्मन दम्पति मिलन, सुख दुख जीवन मीत।
आलिंगन तन मन सृजित, शाश्वत  दिल  संगीत॥

विवाह समझौता नहीं, जन्म जन्म सम्बन्ध।
लक्ष्मी नारायण मिलन, शिव शक्ति रस छन्द॥

शालिग्राम तुलसी धरा, पावन दिवस विवाह।
विष्णु जगे चिर नींद से, मिटे सकल मन आह॥

नर नारी परिणय सुखद, निर्माणक परिवार।
बढ़े वंश सन्तति जनम, नव भविष्य आधार॥

ममता करुणा हिय  क्षमा, त्याग न्याय पुरुषार्थ।
वैवाहिक सम्बन्ध से, जगे धर्म परमार्थ॥

प्रथा चारु जीवन मनुज, खुले बहुल पथ चाह।
सामाजिक संस्कृति वहन, धार्मिक अर्थ विवाह॥

वैवाहिक संयोग ही, गुण अवगुण प्रतिमान।
सर्जन पालन जगत का, है विवाह यश मान॥


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