संदेश
जन्माष्टमी - कविता - डॉ॰ रेखा मण्डलोई 'गंगा'
भादो मास अष्टमी का दिन आया, पुष्प मालाओं से घर द्वार सजाया। जन्मदिवस मेरे कान्हा का आया, सबके मन में उमंग भर लाया। माखन चोर बनकर जो आय…
मैं कान्हा बोल रहा हूँ - कविता - अनूप अंबर
लोग मुझे कहते हैं कान्हा मुरलीधर श्याम, लेकिन मेरा जीवन था बिल्कुल न आसान। जन्म से पहले मेरी, मृत्यु के विधान बने, मेरे ख़ुद के मामा, म…
भादौं महात्म - कविता - अनिल भूषण मिश्र
छठा माह भादौं का आया, वर्षा चहुँओर घनघोर कराया। उफनाए हैं सब ताल-तलैया, उफनाई हैं गंगा यमुना मईया। कहीं बाढ़ आई है प्रलयंकारी, कहीं डूब…
जन्माष्टमी पर्व है आया - कविता - आशीष कुमार
जन्माष्टमी पर्व है आया, सुख समृद्धि उल्लास है छाया। मंगल पावन अनुपम बेला, विराज रहे लड्डू गोपाला। मोर पंख का मुकुट निराला, सर पर पहने …
श्री कृष्ण जन्माष्टमी - कविता - आर॰ सी॰ यादव
हे मधुसूदन! हे बनवारी! जन-जन के हितकारी। प्रभु बाधा हरो हमारी॥ मोर मुकुट सिर शोभित सुंदर, मुरली की धुन प्यारी। पाँव पैजनी, कमर करधनी, …
श्री कृष्ण का जन्म - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
श्री कृष्ण तुम्हारा अवतरण धरा में लाया परिवर्तन। आपके जन्म से ज्योतिर्मान हो उठी मथुरा नगरी खुल गए कारागार के पट यमुना नें किया आपके च…
कान्हा आयो रे - कविता - गोकुल कोठारी
ठुमक-ठुमक पैजनिया, मनमोहनी मुस्कान लियो अधरा में, छनक-छनक कंकणी बाजत ताहि कमलजात करा में। छप्पन भोग सुहावै नहिं तेहि को दधि माखन भायो,…
जन्माष्टमी - कविता - गणेश भारद्वाज
जन्माष्टमी पावन दिन की, आओ मिलकर महता जाने। भगवन कृष्ण कर्मयोगी की, थोड़ी जीवन लीला जाने। जग में सत्य बचाने ख़ातिर, भगवन ने अवतार धरा ह…
श्री कृष्ण जन्माष्टमी: जीवन में गुणों को धारण करने का पर्व - लेख - आर॰ सी॰ यादव
सुख-समृद्धि की कामना करते हुए दैहिक, दैविक और भौतिक बाधाओं से मुक्ति के लिए मनुष्य का धर्मपरायण होना ज़रूरी है। ईश्वर की पूजा उपासना कर…
कृष्ण जन्माष्टमी - कविता - सरिता श्रीवास्तव 'श्री'
विष्णु के दशावतार कृष्ण हैं, भाद्रपद अष्टमी जन्म लिया। निशा स्याह रात बारह बजे, कारागार में अवतरण लिया। प्रहरी सोए नींद गहरी, बेड़ियाँ…
कृष्ण जन्माष्टमी - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'
श्री हरि आज लिए अवतार, ख़ुशियाँ मना रहा संसार। कृष्ण रूप में आए ईश्वर, किए दुष्टों का संहार। ख़ुशियाँ मना रहा संसार।। रात अंधेरी ऋतू वर्…
कृष्ण जन्माष्टमी - कविता - महेन्द्र सिंह राज
कृष्ण पक्ष अन्धेरी रात, कान्हा जी के जनम की बात। अष्टम् तिथि भाद्रपद मास, क़ैद में थे माता अरू तात।। घना अन्धेरा बाहर था, बिजली कौंध ग…
कृष्ण जन्म माह - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'
देखकर नभ में तरंग, उठ रही मन में उमंग। घन घोर कर चल दिए, लेकर दामिनी को सँग।। मास भादों का सुहाना, रंगे बादल श्याम रँग। नन्द के घर श्य…
कान्हा मुरली न बजाओ - लोकगीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
कान्हा मुरली ना बजाओ , आधी रतियन मा । कान्हा हमका ना सताओ , आधी रतियन मा । कान्हा मुरली ना बजओ , आधी रतियन मा । कान्हा निदिय…
श्री राम भी मैं श्री कृष्ण भी मैं - कविता - सुनीता रानी राठौर
तलाश कर न मुझे इस संसार में, अगर तेरे दिल में न, तो कहीं न हूँ मैं। राम, कृष्ण,कई नाम से संबोधित मैं अनेकों नाम, भेष-भूषा धारक ह…
तुम बिन कौन उबारे - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
थोड़ी सी मुस्कान कन्हैया , जग को दे दो प्यारे । हर कोई है व्यथित यहाँ तो , अपने दुख से हारे । इस धरती पर आकर खुद, तुमने भी दुख …
जन्माष्टमी पावन त्यौहार है - कविता - करन त्रिपाठी
मुरलीधर की शरण में तो ये जग सारा है। आया जन्माष्टमी पावन त्योहार प्यारा है।। मोहन की मुरली का य़ह दीवाना संसार है। नटवर की मह…
झूले कान्हा राधिका - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नारायण अनुराग मन , पूत देवकी गेह। भाद्र मास तिथि अष्टमी , वासुदेव नर देह।।१।। कृष्ण अमावश कालिमा, जात कृष्ण अभ…
यशुदा माँ के ललना - चौपाई - प्रशांत अवस्थी
यशुदा माँ के ललना आओ। आकर मोहे दरश दिखाओ।। कृष्णा दर्शन मोहे दीजो। मुझे अपनी शरण ले ली जो।। गल बैजंती माला तेरे। मोर मुकुट सोहे स…
भज रे मन श्रीकृष्ण को - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
नारायण कारा जनम , लिया कंस संहार। असुर कर्म आतंक से , मुक्त किया संसार।।१।। नारायण अनुराग मन , पूत…
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