श्री कृष्ण का जन्म - गीत - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'

श्री कृष्ण तुम्हारा अवतरण
धरा में लाया परिवर्तन।

आपके जन्म से
ज्योतिर्मान हो उठी मथुरा नगरी
खुल गए कारागार के पट
यमुना नें किया आपके चरणों का स्पर्श
पिता वसुदेव का प्रशान्त प्रासाद में प्रवेश
माता यशोदा के पार्श्व में आपको लिटा
उठा लाए भगवती।

कंस के विनाश का कर उद्घोष 
भगवती चली गईं आकाश।
श्री कृष्ण तुम्हारा अवतरण 
धरती में लाया परिवर्तन।

कंस का विनाश कर
माता यशोदा के समक्ष की विराट् लीलाएँ
कालिंदी तट पर की रासलीलाएँ
गोवर्धन पूजा
असुरों का कर संहार
शिशुपाल का कर उद्धार
सुदामा से मिलन और दिया वरदान।

कुरुवंश के समूल विनाश की रची पृष्ठभूमि
कि कालान्तर होगा शान्ति का वर्षण 
श्री कृष्ण तुम्हारा अवतरण
धरा में लाया परिवर्तन।

कुरुक्षेत्र के रण में 
आपनें दूर किया अर्जुन का विषाद
सांख्य योग कर्म योग का उपदेश
बन गए आप योगेश्वर
कुरुवंश का कर समूल विनाश
और असुर वृत्ति का कर नाश।

मानस को विमल करेगा
आपका यह पावन गीता दर्पण।
श्री कृष्ण तुम्हारा अवतरण
धरा में लाएगा परिवर्तन।।

शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली' - फतेहपुर (उत्तर प्रदेश)

Instagram पर जुड़ें



साहित्य रचना को YouTube पर Subscribe करें।
देखिए साहित्य से जुड़ी Videos