जन्माष्टमी - कविता - गणेश भारद्वाज

जन्माष्टमी पावन दिन की,
आओ मिलकर महता जाने।
भगवन कृष्ण कर्मयोगी की,
थोड़ी जीवन लीला जाने।

जग में सत्य बचाने ख़ातिर,
भगवन ने अवतार धरा है।
तब-तब मानव देह धरी है,
जब-जब अत्याचार बढ़ा है।

मथुरा नगरी द्वापर युग में,
यादव कुल में अवतार लिया।
भादों मास अष्ठमी तिथि को,
मानव तन का पदभार लिया।

मामा को यमलोक दिखा कर,
सब दुष्टों का संहार किया।
धर्म-कर्म का बिगुल बजाकर,
भक्तों का बेड़ा पार किया।

अर्जुन को उपदेश सुनाकर,
तब गीता वाला सार दिया।
कौरव कुल को धूल चटाकर,
भक्तों का उद्धार किया।

आओ उनके जन्मदिवस को,
पावनता के साथ मनाएँ।
सत्य, धर्म की जोत जलाकर,
जीवन को ख़ुशहाल बनाएँ।

गणेश भारद्वाज - कठुआ (जम्मू व कश्मीर)

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