कृष्ण जन्म माह - कविता - नृपेंद्र शर्मा 'सागर'

देखकर नभ में तरंग,
उठ रही मन में उमंग।
घन घोर कर चल दिए,
लेकर दामिनी को सँग।।

मास भादों का सुहाना,
रंगे बादल श्याम रँग।
नन्द के घर श्याम आए,
देव रूप देख दंग।।

शत्रुओं के गात काँपे,
उड़ गए चेहरों से रँग।
श्याम की मुरली पुकारे,
खिल उठे राधा के अंग।।

वर्षा की झरती फुहारें,
सांवरे के चरण सँग।
छा रहीं ख़ुशियाँ बहुत,
कृष्ण जन्म की उमंग।।

नृपेंद्र शर्मा 'सागर' - मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश)

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