संदेश
हिंदी हैं हम - कविता - रतन कुमार अगरवाला
हिंदी हैं हम, करते हैं हिंदी भाषा में भावों की अभिव्यक्ति, हिंदी में करते हैं बातें, करते हैं देवी देवताओं की भक्ति। हिंदी संग जन्म हु…
प्यारी हिंदी - कविता - सुबोध कुमार ठाकुर
हमारी हिन्दी प्यारी है, सभी भाषा से न्यारी है। हम भारतीयों को ये, प्राणों से भी प्यारी है॥ ये करना मेल सिखलाती, दिलों को जोड़ देती है। …
गौरवान्वित भाषा हैं हिन्दी - कविता - अंजली शर्मा
हिन्दी से पहचान है हमारी, बढ़ती इससे शान हमारी, सबसे सुन्दर भाषा हैं हिन्दी, सभी भाषाओं की जननी है हिन्दी, हर दिल की धड़कन है हिन्दी, …
हिंदी राजभाषा का उन्नयन और प्रसार - लेख - सुनीता भट्ट पैन्यूली
“जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता।” – डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद 14 सितंबर यानि हिंदी राजभाषा…
शब्द तुम्हारे ज़रूर मिलेंगे - कविता - सिद्धार्थ गोरखपुरी | हिंदी भाषा पर कविता
ऐ हिन्दी! तुम्हारी बदौलत, बहुतों ने पाई है शोहरत, हर ओर तुम्ही तुम रहो सदा, हमारी है बस इतनी चाहत। भाषाओं की कठिन डगर में, हम नहीं खड़े…
हिन्दी कब राष्ट्रभाषा बनेगी? - आलेख - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मागधी अर्द्ध मागधी प्राकृत संस्कृत से निर्मित ग्यारह सौ वर्षों के बृहत्काल में नवांकुरित नवपल्लवित पुष्पित और सुरभित फलित हिन्दी भाषा …
हिन्दी मेरी प्यारी भाषा - कविता - गणेश भारद्वाज
आपस के मतभेद मिटाती, भारत की नव आशा हिन्दी। पूर्व से पश्चिम मिलवाती, मेरी प्यारी भाषा हिन्दी। उत्तर से दक्षिण को जाती, मन में सुंदर भा…
हिन्दी तुझे बुला रही - कविता - जयप्रकाश 'जय बाबू'
हिन्दी तुझे बुला रही ऐ! हिन्दी ज़बान वाले, सिमट रही मेरी दुनिया आके मुझे बचाले। बहुत हरा भरा अपना प्यारा ये परिवार है, दुनिया के कोने-क…
हिंदी सचमुच महान है - कविता - आशीष कुमार
हिंदी महज़ भाषा नहीं, हम सब की पहचान है। जोड़े रखती मातृभूमि से, यह भारत की शान है। हिंदी में है मिठास भरी, सहज सरल आसान है। भावनाओं से…
हिंदी हिंद देश की शान - मुक्तक - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
1 हिंदी हिंद देश की शान। हिंदी हम सबका सम्मान॥ नेह-प्रेम बरसता घर-घर, हिंदी हिंदू मेरी जान॥ 2 रोली सुनिएँ आए निंदी। हिंदी माथे की…
हिन्दी बोल इंडिया - कविता - गणपत लाल उदय
हिन्दी बोल इंडिया कहकर क़लम आज चलानी है, सरल शब्दों में कहा जाएँ तो यह बहुत वंदनीय है। वैश्विक स्तर पे जानते है अब राष्ट्रभाषा बनवानी …
हिन्द की पहचान हिन्दी - कविता - राघवेंद्र सिंह
मेरे हिन्द के धरा की, पहचान है ये हिन्दी। वागेश्वरी की वीणा, और तान है ये हिन्दी। हिन्दी ही स्वर है व्यंजन, हिन्दी ही व्याकरण है।…
हिंदी पहचान हमारी है - कविता - ईशांत त्रिपाठी
देखो माँ सोचो तो... कल दावत का आयोजन है, फिर मित्रों का ही निर्देशन है। कुछ सुन्दर सा, कुछ प्यारा सा, पर अनोखा बनकर आना है। सजीव हो या…
हिंदी भाषा - कविता - अर्चना मिश्रा
हिंद देश के वासी हम चलो इसका मान बढ़ाएँ, हिंदी को सब लोग मिलकर क्यों ना जन-जन तक पहुँचाएँ। हो सर्व सुलभ हिंदी ऐसी साहित्य का ज्ञान बढ…
हिन्दी दिवस - कविता - डॉ॰ रेखा मंडलोई 'गंगा'
हिन्दी बन जन मानस की अति प्रिय भाषा। तार दिलों के जोड़ने की जगाती है सबमें आशा। सभ्यता-संस्कृति की जो बताती है सबको परिभाषा। निराली लि…
प्यारी भाषा हिन्दी है - कविता - आर॰ सी॰ यादव
मातृभाषा अपनी हिंदी वेद अवतरित वाणी है। उन्नति का आधार यही है, जिससे जुड़ा हर प्राणी है॥ रंग-रूप वेषभूषा से हटकर, यह संविधान की ब…
हिन्दी दिवस - कविता - कुमुद शर्मा 'काशवी'
हिन्दी मुझे माँ सी लगती है, सीधी, सरल, सौम्य, प्यारी, माना हर भाषा का ज्ञान है ज़रूरी, जैसे हर रिश्ते की मिठास है ज़रूरी, माँ सी प्यारी …
हिंदी भाषा - घनाक्षरी छंद - रविंद्र दुबे 'बाबु'
हिन्दी भाषा जानो! हिन्द जो है मेरा अभिमान, मातृभू की वंदनीय, भाषा सुखदायी है। सरल सहज तान, स्वर लय माला गीत, पहचान हमारी जो, हिन्दी…
यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है - कविता - गिरेन्द्र सिंह भदौरिया 'प्राण'
मिसरी सी मीठी कूक लिए झरनों सी लिए रवानी है। है सुगम बोधिनी भावों की यह हिन्दी हिन्दुस्तानी है॥ वेदों की वाणी की दुहिता यह ज्ञान सुधा …
हिंद के माथे पर हिंदी - कविता - डॉ॰ रोहित श्रीवास्तव 'सृजन'
हिंद के माथे पर हिंदी बिंदी सा चमके है, आज विश्व के हर कोने में तू मोतियों सा दमके है। बग़ैर तेरे क्या करूँ कल्पना, होती न तू तो क…