1
हिंदी हिंद देश की शान।
हिंदी हम सबका सम्मान॥
नेह-प्रेम बरसता घर-घर,
हिंदी हिंदू मेरी जान॥
2
रोली सुनिएँ आए निंदी।
हिंदी माथे की है बिंदी॥
हिंद देश भाषा का संगम,
गहरी जड़े सज्जनों हिंदी॥
3
हिंदी भाषा सदाबहार।
हिंदी हम सबका संसार॥
सन्देशा हिंदी में लिखिए।
हिंदी जग में करें प्रचार॥
4
आओ छोड़े आदत गंदी।
शिव-शंभू का वाहन नंदी॥
हिंदी का आकार बृहद है,
नभ में थल में जल में हिंदी॥
5
हिंदी भारत और भारती।
हिंदी में हम करें आरती॥
हिंदी का संकल्प धरें दिल,
लल्ला कह माएँ पुकारती॥
भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क' - शाहजहाँपुर (उत्तर प्रदेश)