संदेश
रेत सी फ़िसलती जिंदगी - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
रेत सी फ़िसलती जिंदगी, पल दो पल की अनिश्चित, जलभ्रमर में फँसी दुर्लभ, प्राणियों में श्रेष्ठतर मानवी, अहंकारी मदोन्मत्त जिंदगी।…
वृक्ष का महत्व - कविता - मधुस्मिता सेनापति
वृक्ष जीवन का आधार है देता है जो सबको अपना शीतल छाया वही धरती का श्रृंगार है......!! वृक्ष ईश्वर का वरदान है जो खुशबू से जग क…
मौसम ले रहा है अंगड़ाई - ग़ज़ल - मोहम्मद मुमताज़ हसन
कोई आया आहट हुई, दिल पे मेरे दस्तक हुई! मौसम ले रहा है अंगड़ाई, मिलने की फिर चाहत हुई! खुद से अब डर लगता है, तन्हाई से वहशत …
अच्छा लगता है - कविता - अनुभव मिश्रा
नफा-नुकसान चाहत का ओ अनुभव हम ना कुछ जानें। हमें बस उस कली का मुस्कुराना अच्छा लगता है।। कि जब खिड़की पे वो आए हवा का रुख बदल …
भीगा समाँ - कविता - कपिलदेव आर्य
भीगा समाँ, भीगा आसमाँ, भीगा देखो यौवन उसका! चोली भीगी, आँचल भीगा, और मदहौशी सावन भीगा! अलकें भीगी, पलकें भीगी, गोरी झूम- झ…
जन्मदिन - कविता - विभा कुमारी
जन्मदिन है आज तुम्हारा, तुम्हे शत् शत् बार बधाई है। जो बीत गया वो दौर बुरा था, नव सृजन करो नव निर्माण करो। नव श्फ़ुर्ति का संचार…
बेटियाँ - कविता - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
सुख वैभव समृद्धि सफलता, प्रगति बेटियाँ हैं। कभी सेंकती नरम मुलायम, गरम रोटियाँ हैं। बुद्घि प्रखरता में हैं आगे, ऊर्जा का मण्डार- …
इठलाती यौवन - कविता - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
गंगा सम निर्मल पावन मुख, चन्द्रप्रभा शीतल कान्ति मुखर। नव अरुणिम अस्मित मधुराधर, कमलनैन पाटल तनु सुन्दर।। …
मेरे भारत की नदियाँ - गीत - राहुल सिंह "शाहावादी"
मेरे भारत की नदियाँ है, इस धरती की शान। पावन गंगा मैया जैसी, हम इनकी लेते आन।। मेरे भारत---------…
ख्वाब हर दिन बुना कीजिए - ग़ज़ल - अंदाज़ अमरोहवी
दुश्मनो से मिला कीजिऐ । यूँ इबादत किया कीजिऐ ।। बस यही राह जीने की है । खवाब हर दिन बुना कीजिए ।। कोई कुछ भी न कर …
मेरा भारत महान - कविता - श्रीकान्त सतपथी
हे अमर राष्ट्र के अमर वीर तू भारत को पुकार दे, दया, धर्म, सत्कर्म से अन्याय, पाप से मार दे भारत के जन-जन में तिरंगा ही तो प्राण…
अब तू ग़ैर है - ग़ज़ल - आलोक कौशिक
मैं जानता हूँ कि अब तू ग़ैर है मुझे जीना भी तेरे बग़ैर है फिर भी मोहब्बत है तुझसे मेरे दिल को मुझसे ही बैर है बसा रखा है त…
अहसास - ग़ज़ल - संजय राजभर "समित"
नाज़-ए-हुस्न से जो पहल हो गई। मौत भी आज से तो सरल हो गई।। मोहिनी, कमल नयनी बँधी डोर सी। सर्पिणी सी लिपट मय गरल हो गई।। इश्क़ …
काश वक़्त मिल जाए - कविता - दीपक कुमार पंकज
सोच रहा हूँ मेरे लिए तुझे थोड़ा वक़्त मिल जाए खिल उठे मेरा अंत:मन मानो जैसे गुनहगार को थोड़ा सा रहम मिल जाए दिन दोपहर की मेरी …
तेरी मर्ज़ी - कविता - कपिलदेव आर्य
चाहतें सारी हमने तेरे नाम कर दी, वफ़ा कर या दग़ा, अब तेरी मर्ज़ी! तेरे लबों पर सब मुस्कानें रख दी, अब हंसा हमें या रूला, तेरी म…
इंसानियत होती है - कविता - प्रिया पाण्डेय
इंसानियत होती है अगर तो आज, मात्र धर्म के नाम पर लड़ाई क्यों होती, कट रहे है ना जाने कितने लोग, मंदिर-मस्जिद के नाम पर, इंसा…
मसीहा - लघुकथा - सुधीर श्रीवास्तव
कोरोना क्या आया सरिता के लिए काल सा आ गया। शुरुआत में तो महीनों उसके वर्तमान शहर में कोई मरीज नहीं मिला। लेकिन फिर कोरोना ने उसके श…
गणेशवन्दना - दोहा - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
चरण कमल श्रद्धा नमन, करूँ गजानन आज। उमातनय परमेश कुरु, स्वस्ति लोक गणराज।।१।। परशु पाणि!पूजन करुँ, लम्बोदर विघ्नेश। गजमुख वर…
ये ज़िंदगी - कविता - मधुस्मिता सेनापति
कभी खुशी तो कभी गम है जिंदगी कभी धूप तो कभी छांव है ये जिंदगी ।। जज्बातों की बारीकियों से कभी टूटती बिखरती है ये ज़िंदगी ।। किस…
ओ मेरी वसुंधरा - गीत - महेश "अनजाना"
सुन जरा! वसुंधरा ! ओ मेरी वसुंधरा ! लहर लहर लहराए, तेरा आंचल हरा हरा। वादियों ने तेरा श्रृंगार किया है। पेड़ों के साए ने प्यार द…
खामोशियों की आवाज - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सच तो यह है कि खामोशियां भी बोलती हैं, बस उनकी आवाज सुनने वाले कान होने चाहिए। खामोशियों की आवाज कानों के बजाय आत्मा एवं विवेक से स…
हूँ मैं दीवाना - कविता - शेखर कुमार रंजन
हूँ मैं दीवाना और दीवानों के, कदमों में ही है सारा जमाना जब तक साँस हैं तब तक, रहेगी मुझमें ये दिवानगी। हम गाते रहेंगें हमेशा…
दहेज में जलती बेटी - कविता - रवि शंकर साह
आह आह कर रही हूँ मैं घुट घुट कर जी रही हूँ मैं जिस अग्नि को साक्षी मान, सात फेरों से बंधा मेरा जीवन वचनों से बंधकर जीवन पथ, अ…
मिलेगी जीत - कविता - चन्द्र प्रकाश गौतम
है बहुत समय कुछ कर जाने की ख्वाब न देखो मर जाने की जीत के पहले हार तो होती है थोड़ा इंतजार करो, कुछ कर जाने की ये आँखे दिल औ…
जय श्री गणेश - कविता - अतुल पाठक
नया काम कोई भी करता, जय श्री गणेश है नाम वो लेता। सबसे पहले पूजा जाता, वह हैं ऋद्धि सिद्धि के दाता। मोदक उनको बहुत है भाता, ह…
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