देता है जो सबको
अपना शीतल छाया
वही धरती का श्रृंगार है......!!
वृक्ष ईश्वर का वरदान है
जो खुशबू से जग को महकाए
सबको अपने फल दे जाएं
वहीं परम उदार है......!!
वृक्ष फूलों- फलो का खान है
सर्दी गर्मी सहकर
जो कभी अपना दुःख ना कहता है
वह वृक्ष दिव्य महान हैं......!!
वृक्ष ही जीवन का आधार है
जो त्याग तपस्या में टिका रहता है
कभी अपना दुःख न कहता है
वही धरती का श्रृंगार है......!!
मधुस्मिता सेनापति - भुवनेश्वर (ओडिशा)