ख्वाब हर दिन बुना कीजिए - ग़ज़ल - अंदाज़ अमरोहवी

दुश्मनो   से  मिला   कीजिऐ ।
यूँ  इबादत  किया   कीजिऐ ।।

बस  यही  राह  जीने की है ।
खवाब हर दिन बुना कीजिए ।।

कोई कुछ भी न कर पायेगा ।
गम न सब से कहा कीजिए ।।

शौक  ही  गर  लड़ाई  का है ।
हक़ की खातिर लड़ा कीजिए ।।

लोग  सारे   ही   गद्दार   है ।
जान किस पे फ़िदा कीजिए ।।

अंदाज़ अमरोहवी - अमरोहा (उत्तर प्रदेश)

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