संदेश
राम से बाँध लो - कविता - ईशांत त्रिपाठी
मृदंग के धुन छंद पर दंग अति हृदयांग है, राम नाम मिलाप से उमंग छलकत आनंद है। सत्संग से जग-जंग में भंग भ्रम स्वांग है, राम नाम मिलाप से …
राम दरबार - कविता - गायत्री शर्मा 'गुंजन'
द्वादश गृह है जन्म कुंडली स्थिर हैं लग्नेश, कुछ दलबदलू गोचर ग्रह अतिथिगण बन करें प्रवेश। आज उपाय एक करना है दूजा कल पर टाल, ऐसे ही भय …
गाऊँ सियाराम भजन - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
आज जन्मदिवस रघुनायक रघुवर, चैत्र शुक्ल नवमी तिथि नमन करूँ। सच्चिदानंद मनोहर अवतार हरि, कौसल्या दशरथ नंदन चित्त धरूँ। रामावतार गीत गाऊँ…
राम तेरी लीला न्यारी - गीत - रमाकांत सोनी
तिर जाते पत्थर पानी में, नाम की महिमा भारी है, राम तेरी लीला न्यारी है, राम तेरी लीला न्यारी है। ताड़क वन ताड़का मारी, मर्यादा पुरुष अ…
राम नाम मधुशाला हो - कविता - अंकुर सिंह
माफ़ी माँगों तुम भूलों की, छोड़ तन सभी को जाना हैं। साँसे अपनी पूरी करके, पंचतत्व में मिल जाना है।। दुनिया का बुद्धिमान प्राणी, मानव ह…
भक्त के वश में हैं भगवान - कविता - गायत्री शर्मा गुँजन
माता शबरी के अटूट प्रेम और निश्छल भक्ति की अनूठी मिसाल! एक छोटा सा प्रयास किया है इस काव्य के माध्यम से यह बताने का कि भक्ति गर्व और उ…
राम युगों युगों में आते है - कविता - मयंक द्विवेदी
राम युगों युगों में आते है मर्यादा की बन परिभाषा आदर्शो की बन पराकाष्ठा राम युगो युगो में आते है। पिता के वचन निभाने कैकयी के स्वपन्न …
राम परिभाषा : भारत परिभाषित - कविता - डॉ॰ गीता नारायण
हे राम! यह देश सदा तुमसे परिभाषित। कोई लाख चाहे कि तुम रहो निर्वासित। फिर भी यह देश तुम से परिभाषित। ऐसा है व्यक्तित्व तुम्हारा ऐसा च…
राम का वन गमन - सरसी छंद - महेन्द्र सिंह राज
ज्ञात हुआ जब सीता जी को, बन को जाते राम। चरणों में सर रखकर बोली, सुनिए प्रभु सुखधाम।। अपने चरणों की दासी को, ले लो अपने साथ। पत्नि धर…
राम : हमारी आत्मा - कविता - डॉ॰ गीता नारायण
राम... राम... और राम! सब वहीं पर विराम। जहाँ राम नही वहाँ कैसा विश्राम! चाहे जितना आगे जाऐं लौटकर आना होगा, हर इंसान को अंत में राम म…
विजयादशमी - कविता - रमाकांत सोनी
हर हाल में हर काल में अभिमानी रावण हारा है, अहंकार का अंत हुआ सच्चाई का उजियारा है। विजयदशमी विजय उत्सव दशहरा पावन पर्व, मर्यादा पुरुष…
सत्पथ - कविता - रवि कान्त उपाध्याय
कहो दशरथ! राम भी यदि महत्वकांक्षी हो जाते, तुम्हारे वरदान सारे धरे के धरे रह जाते, तुम्हें पदच्युत कर के राम राजा बन जाते, भरत को कारा…
राम पद वन्दन - कविता - प्रवीन "पथिक"
राम नाम बचा कलयुग में, जीने का एक सहारा। इसके बिन व्यर्थ है जीवन, चाहे वैभव हो सारा। पौरुष, बाहुबल या साहस पर, होता लोगो का अभिमान। टू…
रामायण कथा के रोचक अंश - वृत्तांत - ज्योति सिन्हा
सभी धर्मों में सबसे बड़ा धर्म है... "त्याग" नाम का धर्म! आइए इस त्याग को रामायण की एक कथा में ढूँढते हैं, बहुत आसानी से मिल …
जीवन सुदृढ़ करो ना राम - कविता - कंचन शुक्ला
तन में शक्ति मन में भक्ति नित्य नया जीवन दो राम, संघर्षों को नींव बना कर जीवन सुदृढ़ करो ना राम। सतकर्मों का मोल बढ़ा दुष्कर्मों को घटाओ…
तोता मुझे बना दो - कविता - नृपेंद्र शर्मा "सागर"
तोता मुझे बना दो राम, लंबे पंख लगा दो राम। नील गगन में मैं उड़ जाऊँ, तारे सभी बना दो आम।। तोता मुझे बना दो राम, सुंदर पंख लगा दो राम। क…
कैकेयी के राम - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
कितना सरल है कैकेयी के चरित्र को परिभाषित करना, स्वार्थी, लालची, पतिहंता कहना, लांछन लगाना पुत्रमोही को अपमानित उपेक्षित करना। बड़ा सरल…
धनुष बाण ले हाथ - कुण्डलिया छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"
अभिनंदन प्रभु राम जी, जग के पालन हार। अवध धाम पुनि आइए, राघवेन्द्र सरकार।। राघवेन्द्र सरकार, कृपा भक्तों पर करिए। रोग, शोक, संत्रास, स…
हे राम - कविता - डॉ. सरला सिंह "स्निग्धा"
हे राम तुम आ जाओ ना! त्रेता से कलि है विषम बहुत, आकर मुक्त कराओ ना! बन्धन मे पड़ी लाखों सीताएँ, रावण से कहीं दुस्साहस वाले रावण। अब तो …
गाऊँ राम भजन - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
रामावतार गीत गाऊँ मैं, जीवन पापों से उद्धार करुँ। श्रीराम नाम अभिराम मनोहर, अन्तर्मन निश्छल अनुनाद करूँ। नित कौशलेय रघुनाथ सुकोमल, दश…