धनुष बाण ले हाथ - कुण्डलिया छंद - श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल"

अभिनंदन प्रभु राम जी, जग के पालन हार।
अवध धाम पुनि आइए, राघवेन्द्र सरकार।।
राघवेन्द्र सरकार, कृपा भक्तों पर करिए।
रोग, शोक, संत्रास, सभी भक्तों के हरिये।।
कह 'कोमल' कविराय, आपका शत-शत वंदन।
प्रगट पधारो नाथ, आपका है अभिनंदन।।

मंगल छवि अभिराम प्रभु, दर्शन की ले आस।
अवध नाथ प्रभु आइए, हरो सभी संत्रास।।
हरो सभी संत्रास, जगत के पालन कर्ता।
इस जीवन के राम, तुम्हीं हो कर्ता-धर्ता।।
कह 'कोमल' कविराय, दूर सब करो अमंगल।
हरो अमंगल क्लेश, करो सब मंगल-मंगल।।

दानव मुँह फाड़े खड़ा, महारोग विकराल।
धनुष-बाण ले हाथ में, प्रभु मारो तत्काल।।
प्रभु मारो तत्काल, विषम संकट यह टारो।
कोरोना के दुष्ट, राक्षस को संहारो।।
कह 'कोमल' कविराय, सुखी तब होंगे मानव।
होगा जब यह नष्ट, दुष्ट कोरोना दानव।।

श्याम सुन्दर श्रीवास्तव "कोमल" - लहार, भिण्ड (मध्यप्रदेश)

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