संदेश
सम्मान - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सदाचार शिक्षण मिले, शिक्षा नैतिक ज्ञान। मानवीय मूल्यक सदा, मिले कीर्ति सम्मान॥ सबकी चाहत लोक में, मिले समादर मान। कर्मवीर सच सारथी, से…
करो मात-पिता सेवा - मनहरण घनाक्षरी छंद - अजय कुमार 'अजेय'
करो मात-पिता सेवा, मिले जीवन मे मेवा, ऐसे महानुभाव का, भाग्योदय मानिए। सदा सेवा भाव रखे, मान सम्मान भी करे, जग में सबसे बड़ा, बादशाह ज…
अमर वीर जवान - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
राष्ट्र शौर्य बलिदानियों, भारत सैन्य जवान। तन मन धन अर्पण स्वयम्, जीवन अमर महान॥ नमन सैन्य की वीरता, नमन साहसी धीर। करे देश सीमांत …
प्रेम के रूप अनेक - सरसी छंद - भगवती प्रसाद मिश्र 'बेधड़क'
लेकर हाथ चाय का प्याला, खड़ी नारि सुकुमारि। खन-खन बाजे चूड़ी कंगन, पद पैजनि झंकारि॥ कमर बाँध स्वर्णिम करधनियाँ, बाजु बंद सरकार। नाक नथु…
प्रेम - सवैया छंद - सुशील कुमार
प्रेम न होत जो भ्रात को भ्रात से तौ पद त्राण न राज चलाते। प्रेम न होत जो भक्त से ईश को तौ शबरी फल जूठ न खाते॥ प्रेम न होत जो राम को सी…
सभी सुखी चहुँ मुख प्रगति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
मानव जीवन चिर प्रगति, ग्रन्थ सनातन वेद। ज्ञान कर्म परहित जगत, शान्ति प्रेम संवेद॥ ज़िम्मेदारी सभी की, जन भारत उत्थान। प्रगतिशील आगम …
शरदाकुल कुहरा प्रलय - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शरदाकुल कुहरा प्रलय, अगहन पूस बसात। सिहराती तनु अस्थियाँ, कौन सुने जज़्बात॥ विषम शीत कुहरा गहन, कहाँ वस्त्र तनु दीन। आज़ादी हीरक बरस,…
भाई - कुण्डलिया छंद - शिव शरण सिंह चौहान 'अंशुमाली'
भाई बिन सूनो जगत् जस पादप बिन पात। हृदय सिन्धु में धड़कता वहीं सहोदर भ्रात॥ वही सहोदर भ्रात बने जीवन की धारा। जब संकट की मार समर्पि…
असफलता से सीखें - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
सदा पराजय आलसी, व्यसन कलह संलग्न। मुफ़्तखोर निन्दक मनुज, दंगा हिंसा मग्न॥ अहंकार पद पा मुदित, मदमाता इन्सान। पराजय विचलितमना, खो विव…
नीलकंठ दर्शन विहग - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
खल कामी हिंसक दनुज, हो विनाश नवरात्र। महादेव विषपान से, नीलकंठ शिव गात्र॥ विजयादशमी मांगलिक, रखें जयन्ती शीश। नीलकंठ दर्शन विहग, प्…
नमन - मनहरण घनाक्षरी छंद - महेश कुमार हरियाणवी
खगोलीय जहान हो, या गूँजता विमान हो, अपने तिरंगे का तो, अलग मक़ाम है। तकनीक का है जोर, चमके हैं चारों ओर, पैर धरती पे म्हारे, हाथ में लग…
माँ नव दुर्गा पचासा - चौपाई छंद - सुशील कुमार
दोहा:- मातु पिता गुरु नाय सिर, प्रथम मनाय गणेश। कारज आय सॅंवारिए, बह्मा, विष्णु, महेश॥ जय जय माँ जगदम्बिका, करो कंठ में वास। कीरति गाऊ…
जय माता दी वन्दना - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शुक्ला आश्विन मंगला, शारदीय त्यौहार। नव दुर्गा आराधना, कीर्ति मिले सुख सार॥ अभिनन्दन स्वागत करें, नवरात्रि त्यौहार। पूजन नित नवशक्त…
हनुमान - सवैया छंद - सुशील कुमार
सीय हरी जब रावण सिंधु को लांघि मिलाए दिए बजरंगी। रावण के अभिमान गुमान का लंक जलाए दिए बजरंगी॥ प्रश्न उठा जब राम की भक्ति प्रमाण दिखा…
बदलो जीवन चरित को - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
बदलो जीवन चरित को, भर पौरुष सतरंग। रखो भाव पावन हृदय, भारत भक्ति उमंग॥ बढ़ो अटल संकल्प पथ, बनो राष्ट्र पहचान। परमारथ पौरुष सफल, परह…
हृदय - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
शक्ति भक्ति सम्प्रीति रस, मधुरिम हो संसार। दया क्षमा करुणा हृदय, मानवता आधार॥ नवप्रभात अरुणिम हृदय, सुखद प्रगति शुभ देय। खिले कुसुम…
दिनकर-स्मृति - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज' | राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' पर दोहे
सिंहनाद भारत विजय, दिनकर सम आलोक। रग-रग धारी-शौर्य बल, राम नाम हर शोक॥ अलख जगाता क्रान्ति का, रश्मिरथी निर्बाध। अमर प्रेम पुरु उर्व…
श्री गणेश चतुर्थी - दोहा छंद - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
चरण कमल श्रद्धा नमन, करूँ गजानन आज। उमातनय परमेश भज, स्वस्ति लोक गणराज॥ रक्तांबर पूजन करूँ, लम्बोदर विघ्नेश। गजमुख वरदायक नमन, जय ग…
हिंदी भाषा - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 लहराती द्युति दामनी, घोल मधुरमय बोल। हिंदी अविचल पावनी, भाषा है अनमोल॥ भाषा है अनमोल, कोटि जन पूजित हिंदी। फगुवा रंग बहार, गगन मे…
रक्षा बंधन - कुण्डलिया छंद - सुशील शर्मा
1 चन्दन जैसा महकता, भ्रात बहिन का प्यार। कच्चे धागे से बँधा, रिश्ता ये सुकुमार॥ रिश्ता ये सुकुमार, बहिन है दिल का टुकड़ा। उर में हो …