ज्योतिबा फुले - कविता - रमाकान्त चौधरी

सुनो सुनाएँ तुम्हें कहानी ज्योतिबा फुले महान की,
नारी के उत्थान की, शोषित के सम्मान की।

नारी का कोई मान न था,
शोषित का सम्मान न था। 
कहने भर को थे मानव पर, 
मानव सा स्थान न था।
मानवता का बोध कराया, जय उस महान इंसान की,
नारी के उत्थान की, शोषित के सम्मान की। 

सन् अट्ठारह सौ सत्ताईस में,
महाराष्ट्र में जन्म लिया।
शोषित जन की लड़ी लड़ाई,
सारे बंधन काट दिया।
तहज़ीब सिखाई जिसने हमको जीने की अभिमान की,
नारी के उत्थान की, शोषित के सम्मान की।

ख़ुद पढ़कर पत्नी को पढ़ाया,
पढ़ने का अधिकार दिलाया।
28 नवंबर अट्ठारह सौ नब्बे को,
छोड़ गया जो अपनी काया।
अमर रहेगी गाथा जग में उस सच्चे विद्वान की,
नारी के उत्थान की, शोषित के सम्मान की।

रमाकांत चौधरी - लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश)

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