संदेश
लोहड़ी और बदलता मौसम - कविता - गणेश भारद्वाज
हर मन में नव उल्लास भरा, लो आया पर्व मिठास भरा। सब दुल्ला भट्टी याद करें, हर रिश्ता हो विश्वास भरा। घर-घर में तिल, गुड़ संगम है, हर मा…
मकर संक्रांति - गीत - उमेश यादव
संक्रांति का पर्व है पावन, सबके मन को भाता है। पोंगल, लोहड़ी, खिचड़ी, बीहू, मकर संक्रांति कहलाता है॥ मकर राशि में जाकर सूरज, उत्तरायण ह…
खिचड़ी - कविता - सुषमा दीक्षित शुक्ला
खिचड़ी का अर्थ है एकता ये है अनेकता में एकता खिचड़ी का अर्थ है प्यार ये सादगी का अद्भुत त्यौहार सामंजस्य भी है इसका अर्थ मितव्ययिता भी ह…
मकर संक्रांति - गीत - डॉ॰ राम कुमार झा 'निकुंज'
आज हुआ किसान फिर धरा मुदित, नवान्न फ़सल कटाई होती है। फिर जले अलाव लोहड़ी उत्सव, बाली गेहूँ आग दी जाती है। ख़ुशियाँ लेकर आई लोहड़ी, प्रम…
मकर संक्रांति अर्थात शुभकारी परिवर्तन - लेख - सोनल ओमर
भारत वर्ष को संस्कृतियों एवं त्यौहारों का देश माना जाता है। ऐसे ही भारत का एक विशेष त्यौहार मकर संक्रांति है। संक्रांति का अर्थ है सुक…
मकर संक्रांति है सुख व समृद्धि पर्व - कविता - गणपत लाल उदय
लो आया नव-वर्ष का पहला त्योहार, संक्रांति पर्व लाया है ख़ुशियाँ अपार। हल्की-हल्की चल रही ये ठंडी हवाएँ, हमारी तरफ़ से अनेंक शुभकामनाएँ।…
मकर संक्रांति - कविता - महेन्द्र सिंह कटारिया 'विजेता'
आया मकर संक्रांति का त्योहार, लाया सुख-समृद्धियों का उपहार। जीवन पतंग उच्च शिखर में उड़ती जाए, अपनों के प्रति डोर विश्वास की बढ़ती जाए। …
मकर संक्रांति - कविता - रतन कुमार अगरवाला
आया मकर संक्रांति का पावन उत्सव, सूर्यदेव हुए उत्तरायन, करते सूर्य की अर्चना इस दिन, और माँ गंगा में करते स्नान। करते हैं सूर्य देव को…
पतंगे - कविता - रमाकांत सोनी
नील गगन में उड़े पतंगे लहराती बलखाती सी, रंग-बिरंगी सुंदर-सुंदर अठखेलियाँ दिखाती सी। वो डोर से बँधी हुई आसमान छू पाती है, हर्ष उमंग …
पतंग और डोर - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
पौष मास नववर्ष मुदित मन, पर्व मकर संक्रान्ति मनाएँ। खुशियों के मकरन्द बाँटकर, जीवन व्योम पतंग उड़ाएँ। सतरंग चार…
मकर संक्रान्ति - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
पौष मास स्वागत करूँ, सूर्य करे धनु त्याग। मकर राशि पावन अतिथि, महापर्व अनुराग।।१।। प्रथम साल त्यौहार है, मकर संक्रान्ति नाज़। सदा चतु…
मकर संक्रान्ति - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
मकर संक्रान्ति आज फिर से है आई। लोहड़ी व पोंगल की लख लख बधाई। एकता का मधुर ये है संदेश लाई। जो रसोई घरों में है खिचड़ी पकाई। फिर महकने ल…
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