संदेश
विश्वगुरु बनने की राह पर भारत - निबंध - रतन कुमार अगरवाला
भारत सदा ही विश्वगुरु रहा है जिसका केंद्र बिंदु आध्यात्म रहा है। अध्ययन, आराध्य और आध्यात्म का समायोजन भारत को फिर से विश्व का सिरमौर …
करूँ समर्पण तन मन भारत - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
करूँ समर्पण तन मन भारत, वन्दहुँ धरणी देश विजय हो। गाऊँ जन मन गान तिरंगा, एक राष्ट्र परिवेश उदय हो। लज्जा श्रद्धा प्रीति वतन बन, नारी…
मेरे भारत में प्रेम - कविता - ममता रानी सिन्हा
सत्य शाश्वत प्रेम सम्बंध यहाँ कण-कण में दिखता है, इसीलिए मेरे भारत में प्रेम बाज़ार नहीं बिकता है। यहाँ शहीद होने पर भी सगर्व पत्नीयाँ …
हमारा हिंदुस्तान - कविता - रमेश चंद्र वाजपेयी
सबसे प्यारा सबसे उम्दा, है खूबसूरत हमारा हिंदुस्तान। एक नहीं है भाषा हमारी, एक नहीं है पहनावा एक नहीं है रीति रिवाज, फिर भी करते है, …
बढ़ेगा आगे भारत (भाग ५) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(५) मिटे हजारों देश, आज तक इस धरती में। मिले भग्न अवशेष, यथा भू की परती में।। बनकर कई ग़ुलाम, तजे निज संस्कृति प्यारी। हुए कई बेनाम, सं…
बढ़ेगा आगे भारत (भाग ४) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(४) अकबर शासन काल, किया भारत का खंडन। भू अफ़ग़ानिस्तान, हुआ इस्लामिक मंडन। मुगल वंश का दंश, झेलकर भारत डोला। हार गया था युद्ध, नबाब सिरा…
बढ़ेगा आगे भारत (भाग ३) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(३) भारत पर आक्रमण, किया तुर्कों ने भारी। था शातिर महमूद, गजनबी अत्याचारी। था अतिशय शैतान, मुहम्मद गौरी पातक। कुतुबुद्दीन गुलाम, बने द…
बढ़ेगा आगे भारत (भाग २) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(२) देवासुर संग्राम, सदा ही होता आया। निकला जो परिणाम, उसे युग भूल न पाया। किए प्रबल संग्राम, परशुराम-हैहय मिलकर। दशरथनंदन राम, लड़े रा…
बढ़ेगा आगे भारत (भाग १) - कविता - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
(१) कल था महा विशाल, हमारा प्यारा भारत। आज हुआ जो हाल, करें किसपर हम लानत? कल अफ़ग़ानिस्तान, हमारा ही था प्यारे। जावा पाकिस्तान, अंक में…
जिम्मेदारी - कविता - सुधीर श्रीवास्तव
ये देश हमारा है बस इसी गुमान में मत रहिए देश से प्यार भी कीजिए, आपकी भी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं उसका भी निर्वाह कीजिए। देश और देश के …
हम वो भारत बनाएंगे - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
नील गगन तले हौसलों की उड़ान भरकर, शिक्षित और सुदृढ़ हर जमात बनाएंगे। संघर्ष के बल संगठित होकर एक दिन, भीम ने सोचा, हम वो भारत बनाएंगे…
मैं भारत का संविधान हूँ - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
संविधान सभा के अथक प्रयासों से , मैं विश्व के विधानों का वितान हूँ । अच्छे शासन संचालन का ताना बाना , मैं भारत का संविधान हूँ । सं…
महल शान्ति का हो चमन - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
तरुणाई आशा महल, आज विश्व आधार। नव ऊर्जा निर्माण का, नव विकास उपहार।।१।। नया जोश कर्तव्य रत, स्वप्न महल अरमान। युवाशक्ति निर्मातृ जग, र…
ध्वजा व्योम लहराएँगे - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
काया शोणित का एक शेष कण हम अपना कर्तव्य निभाएँगे। नित आन बान सम्मान भारती, हर कीमत पर सदा बचाएँगे। जो गद्दा…
भारत के हैं हम वासी प्यारे - कविता - बाबू लाल पारेंगी
भारत के हैं हम वासी प्यारे, रहते प्यारे होकर भी न्यारे। सभी धर्मों का वास यहाँ पर रहते मिलकर नहीं हम हारे।। दिशा सबकी एक नहीं होती, एक…
स्वच्छ भारत - गीत - संजय राजभर "समित"
स्वस्थ भारत, सुयोग भारत ।। स्वच्छ भारत, निरोग भारत ।। हर मुखड़े पर मुस्कान हो ऐसी हवा का वितान हो, तन-मन झूमे, लोग भारत । स्वच्छ …
हे भारत भाषा - कविता - अशोक योगी "शास्त्री"
सदियों से दासता की बेड़ी पड़ी रही पर तू स्वाभिमान से हमेशा अड़ी रही। उर्दू, फ़ारसी और अंग्रेजी के आगे तू सीना तानकर …