ध्वजा व्योम लहराएँगे - गीत - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"

काया  शोणित  का एक शेष कण
हम   अपना    कर्तव्य    निभाएँगे।
नित    आन  बान  सम्मान  भारती,
हर    कीमत   पर   सदा  बचाएँगे।

जो    गद्दार  करे   अपमान  वतन,
अब उन सबको सबक  सीखाएँगे।
कर   नापाक   इरादे  तहस  नहस,
चीन   पाक  को   धरा    मिटाएँगे।

हो चहुँदिशि विकास  अरमान वतन,
हम   नव    प्रगति   गीतिका  गाएँगे।
अभिमान ज्ञान विज्ञान किसान  हित,
सैनिक     अमर   शौर्य  यश  गाएँगे।

हम   सनातनी   समरसता    साधक,
सद्भाव   अधर   मुस्कान   खिलाएँगे।
अभिनव कोमल नवकिसलय कानन,
पुष्पित   पुष्प    सुरभि    महकाएँगे। 

नीर   क्षीर   विवेक  नित  हंस  तुल्य,
खल   शत्रु  मित्र   भेद   कर   पाएँगे।
हम   मानसरोवर  सम   पावन  जल,
भारत         प्रेम सुधा       बरसाएँगे।  

नारी  पूज्य   जगत  नव शक्ति  रूप,
सबला     निर्भय   सदा     बनाएँगे। 
शिक्षा   सम्मान   व   बढ़ा   मनोबल,
हम      सादर    अधिकार  दिलाएँगे। 

हम    रिपुसूदन   विकराल  महाबल,
खल   दुश्मन  का  दिल   दहलाएँगे।
बन    विजयदीप    नवगीत    वतन,
अखण्ड  राष्ट्र    हिन्द यश     गाएँगे।

हैं   कर्जदार  नित   माँ  भारत   हम,
प्राणबलि  दे अपना  कर्ज़   उतारेंगे।
नवकुंज वतन बन  कुसुमित  भारत,
तिरंग    ध्वजा    व्योम    लहराएँगे।

डॉ. राम कुमार झा "निकुंज" - नई दिल्ली

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