नौ दिन माँ की साधना के - लेख - दीक्षा अवस्थी

नवरात्र में नौ दिन माँ की साधना की जाती है। इन दिनों माँ की पूजा करने पर भक्तों को अभिन्न फल की प्राप्ति होती है। इन दिनों व्रत करने वालों को एक आश्चर्य शक्ति का एहसास होता है, जिसके कारण उन्हें भूख और प्यास का एहसास नहीं होता। आइए जानते हैं माँ दुर्गा के नौ रूप और उनका महत्व।

शैलपुत्रीः माँ दुर्गा का पहला स्वरूप शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इनका नाम शैलपुत्री पड़ा। नवरात्रि पूजन में प्रथम दिवस में इनकी पूजा व आराधना की जाती है। इस दिन योगी अपने मन को 'मूलाधार' चक्र में स्थित करते हैं। यह माता धन धान्य मोक्ष तथा ऐश्वर्य को देने वाली माता मानी जाती है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्ये नम:'

ब्रह्मचारिणीः माँ दुर्गा के दूसरे स्वरूप में ब्रह्मचारिणी माँ की पूजा की जाती है ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य है। दुर्गा पूजा के दूसरे दिन साधक का मन 'स्वाधिष्ठान' चक्र में स्थित होता है ब्रह्मचारिणी की कृपा से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार एवं संयम की वृद्धि होती है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:'

चंद्रघंटाः माँ दुर्गा के नव शक्तियों का तीसरा स्वरूप माँ चंद्रघंटा का है। इनके मस्तिक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र है। तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा की जाती है इनका ध्यान 'मणिपुर' चक्र में की जाती है। इनकी साधना से कष्टों से मुक्ति तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चन्द्रघंटायै नम:'

कुष्मांडाः माँ दुर्गा के चौथे स्वरूप का नाम कुष्मांडा है। अपनी मंद हँसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इन्हें कूष्मांडा देवी कहा जाता है। इनका तेज सूर्य के समान है इनका निवास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। इनकी पूजा 'अनाहत' चक्र में ध्यान कर की जाती है। यह योग, दोष, यश, बल व आयु की दात्री मानी गयी हैं। 
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्माण्डायै नम:'

स्कंदमाताः माँ दुर्गा के पाँचवें स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। यह भगवान स्कंद की माता है। इनकी आराधना 'विशुद्ध' चक्र में ध्यान करके की जाती है। यह  सुख, शांति व मोक्षदायिनी है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमा‍तायै नम:'

कात्यायनीः माँ दुर्गा के छठे स्वरूप का नाम कात्यायनी है। जन्म जन्मांतर के पापों का नाश करने के लिए माँ की उपासना से अधिक शुभम और सरल मार्ग दूसरा नहीं है। 'आज्ञा' चक्र में ध्यान कर इनकी आराधना की जाती है। यह माता शत्रुओं का नाश करके कृत्या बाधा दूर कर साधक को सुख शांति प्रदान करती हैं।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनायै नम:'

कालरात्रिः माँ दुर्गा के सातवें स्वरूप का नाम कालरात्रि है। माँ कालरात्रि का रूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल देने वाली ही हैं। इसी कारण इनका नाम शुभंकरी भी है। इस दिन साधक का मन 'सहस्त्रार' चक्र में स्थित रहता है। माँ काली दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। यह ग्रह बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनकी कृपा से साधक सर्वथा भय मुक्त हो जाता है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं  कालरात्र्यै नम:'

महागौरीः माँ दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चक्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु 8 वर्ष मानी गई है - अष्ट्वर्षा भवेद गौरी। मस्तिक में ध्यान कर इनको जपा जाता है। इनकी साधना से अलौकिक शक्तियाँ प्राप्त होती हैं, असंभव से संभव कार्य पूर्ण होते हैं।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्ये नम:'

सिद्धिदात्रीः माँ दुर्गा की नवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है। यह सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली है। मार्कंडेय पुराण के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति प्रकाम्य, इशित्व और वशित्व। यह आठ सिद्धियाँ होती है। इनका ध्यान मध्यकाल में किया जाता है।
मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नम:'

माता दुर्गा सभी कष्टों का नाश करने वाली हैं। इस समय पूरा विश्व कोरोनावायरस की महामारी से लड़ रहा है। महामारी और रोग नाश के लिए मार्कंडेय पुराण में मंत्र दिए गए हैं।

महामारी-नाश के लिये दुर्गा माता का मंत्र
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

रोग-नाश के लिये दुर्गा माँ का मंत्र
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति।।

नवरात्रि के पावन पर्व के दौरान इन मंत्रों के जाप से साधक को इनकी ऊर्जा व ताकत असर दिखाएगी। इससे साधक को कोरोना जैसी महामारी से लड़ने की ताकत मिलेगी। साथ ही साथ मास्क, सेनेटाइजर तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से हम कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। माँ नवदुर्गा हमेशा अपने भक्तों के सच्चे ह्रदय और भाव से की गई पुकार सुनती हैं। कोरोना बीमारी को देखते हुए हमें घर में ही रह कर पूजा पाठ करना है। माँ नव दुर्गा सबकी मनोकामनाएँ पूर्ण करेंगीं।

दीक्षा अवस्थी - औरैया (उत्तर प्रदेश)

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