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वादाखिलाफ़ी से इनकार बेहतर - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
वादाखिलाफ़ी कायराना हरकत है। विनम्रता पूर्वक किया गया इनकार झूठे वादों से बहुत अधिक अच्छा होता है। वादाखिलाफ़ी अति निंदनीय कृत्य है, वाद…
सदाचारी को मिलता है सम्मान - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह नितांत सत्य है कि सदाचार ही मानवता है। परन्तु दुःख की बात यह है कि आज वातावरण बहुत दूषित हो गया है। अनीश्वरवाद व हिंसा तथा गंदी फिल…
जीवन में संयम व संकल्प ज़रूरी - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
संसार की सफलताओं का मूल मंत्र उत्कृष्ट मानसिक शक्ति ही होता है जिसमें दो प्रमुख मानसिक शक्तियां मानी जाती हैं एक तो दृढ़ संकल्प शक्ति …
सफलता के बहुतेरे रिश्तेदार - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
यह सत्य है की असफलता अनाथ होती हैं परंतु सफलता के बहुत रिश्तेदार बन जाते हैं। यूँ तो जब कोई व्यक्ति सफलता के शिखर पर होता है तो उसका क…
स्वामी विवेकानंद : आज भी प्रासंगिक - आलेख - डॉ. ममता बनर्जी "मंजरी"
साल 1886। श्री श्री रामकृष्ण परमहंस देव इहलोक से विदा लेने से पूर्व अपने प्रिय शिष्य नरेन्द्रनाथ दत्त को अपने पास बुलाकर बोले- 'नर…
साहस व बुद्धिमत्ता का सृजन करती हैं समस्याएं - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जब तक मनुष्य है उसके पास चिंतन है, विचार है, तब तक समस्याएं तो रहेंगी ही। यदि व्यक्ति गहरी नींद में सो जाये, चिंतन बंद हो जाए प्रलय हो…
ख़ामियों को नहीं खूबियों को देखे - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जी बिल्कुल व्यक्ति की खामियों को नज़र अंदाज करते हुए उसकी खूबियों को देखना चाहिए क्योंकि अगर आप उसकी खूबियाँ देखेंगे तो उसके प्रति आपका…
गीता का मूल स्वरूप - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
धर्म का मूल स्वरूप ही गीता के ज्ञान का मूल स्वरूप है। गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को यह बताते हैं कि मूल प्रकृति ही संसार की समस्…
पत्रकार और लेखक का महत्व - आलेख - विकाश बैनीवाल
पत्रकार का महत्व है क्षेत्र विशेष की सूचनाओं, समाचारों को प्रदेश के कोने-कोने तक पहुँचाना है और हर क्षेत्र की जानकारी अवगत करवाना है। …
उदारता है प्रेम का परिष्कृत रूप - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
उदार व्यक्ति दूसरों के प्रति उदार भाव रखता है और समाज में सेवा भाव से रहता है। सच्ची उदारता इस बात में है कि मनुष्य को मनुष्य समझा जाए…
परीक्षाओं का महत्व - आलेख - सलिल सरोज
प्राचीन शिक्षा पद्धति में आधुनिक युग की भाँति परीक्षा लेने तथा उपाधि प्रदान करने की प्रथा का अभाव था। विद्यार्थी गुरु के सीधे संपर्क म…
विनम्रता है सबसे बड़ी खूबसूरती - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जी हाँ यह बिल्कुल सत्य है कि विनम्रता का अर्थ ही यही है कि अहंकार से मुक्त होकर दूसरों को खुद के समान सम्मान देना। विनम्रता एक ऐसा गुण…
जीवन संकल्प - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
जीवन भी एक संकल्प है अगर इसे मानवता के दायरे में रखकर जिया जाये तो जीवन सफल होगा सार्थक होगा, अन्यथा तो कीड़े मकोड़े भी जीते हैं अपने कु…
परमात्मा की अद्भुत रचना है मनुष्य - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सत्य स्वरूप परमात्मा एक है, जिसे हम सभी अलग-अलग नामों से पुकारते हैं। धरती, जल, वायु, आकाश हर जगह उसकी ही सत्ता है। उसकी मर्जी के बगैर…
सीमाओं से परे है प्रेम - आलेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
प्रेम से तो ईश्वर को भी प्राप्त किया जा सकता है। कहते हैं ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े सो पंडित होय, वाकई निष्काम एवं निस्वार्थ प्रेम से सभी…