संदेश
पड़ताल - कविता - विक्रांत कुमार
कई तरह का चेहरा हर रोज़ देखता हूँ कई मर्तबा देखता हूँ सोचता हूँ! फिर लगता हूँ– ढूँढ़ने उस रंग-बिरंगे चेहरों में ख़ुद को कई दिनों तक ढू…
चेहरा जो देखूँ तेरा - गीत - सुषमा दीक्षित शुक्ला
चेहरा जो देखूँ तेरा, दिल धड़के धक धक मेरा, हरपल मैं देखूँ तेरा रास्ता, हर पल मैं देखूँ तेरा रास्ता। अँखियों में काजल तेरा, घनेरी ज़ु…
चेहरे से अपने थोड़ा सा नक़ाब हटा ले - ग़ज़ल - एल. सी. जैदिया "जैदि"
अरकान : फ़ाइलातुन फ़ेलुन फ़ाईलुन फ़ऊलु फ़ऊलुन तक़ती : 2122 22 222 121 122 चेहरे से अपने थोड़ा सा नक़ाब हटा ले, बहती आँख से, घड़ियाली आब हटा ले।…
उनके चेहरे - कविता - प्रवीन "पथिक"
ग़मों की परछाई में, अपनी हर तन्हाई में, दिखते, उनके चेहरे। वो सूनी बाहों में, अपनी हर राहों में, साथ लिए, चलते उनके चहरे। दिन के अवसान…
दिलकश - कविता - कानाराम पारीक "कल्याण"
तेरा चेहरा कितना दिलकश लगता है , तेरे आगे यह चाँद भी धुंधला लगता है । तिरछे नयनों से तीर जब चलते हैं , निशाना मेरे दिल पर लगता है …
तेरे चेहरे के सिवा - कविता - कपिलदेव आर्य
इक तेरे चेहरे के सिवाय, कुछ और भाता नहीं, तेरा प्यारा सा मुखड़ा, मैं कहीं देख पाता नहीं! तू समा चुकी है मेरी नस-नस में, प्राण बनकर, …
तेरा चेहरा - कविता - कपिलदेव आर्य
तेरा खिलखिलाता हुआ चेहरा, जैसे महकता गुलाब लगता है! और तेरा हँसकर मुँह छुपाना, जैसे छलकता शबाब लगता है! जैसे झरना पहाड़ से गिरत…
चेहरे चेहरे कितने चेहरे - कविता - सुनीता रानी राठौर
देखते हैं हर तरफ अनेकों चेहरे, पढ़ पाते बनावटी किसके चेहरे? दिखते कभी बारह- बजते चेहरे, कभी हसीं वादियों से खिले चेहरे। भलेमान…
चांद सा चेहरा - ग़ज़ल - समुन्दर सिंह पंवार
देख कर तेरा चाँद सा चेहरा दिल ये पागल हो गया मेरा जब बिखराती है मुखड़े पे जुल्फे हो जाता है चारों तरफ अँधेरा देख कर तेरी नागिन…