संदेश
मेरी ख़ामोशी - कविता - श्रेया पांडेय
जब एक दिन तन्हा बैठी में, मेरी ख़ामोशी मुझसे बोल उठी, यूँ न तू तन्हा बैठा कर, हर रोज़ मुझे न याद किया कर। कल वो दौर किसी और का था, आज द…
ख़ामोशियाँ - कविता - आनन्द कुमार 'आनन्दम्'
ख़ामोशियाँ बहुत कुछ कहती हैं धीरे-से, हौले-से, चुपके-से ख़ामोशियाँ बहुत कुछ कहती हैं। मन की बाट जोहती हैं बेसुध-बेजान-बेबसी की साए में…
ख़ामोशी है पसरी ग़ज़ल रुबाई चुप है - ग़ज़ल - मनीषा श्रीवास्तव 'ज़िंदगी'
अरकान: फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन तक़ती: 22 22 22 22 22 22 ख़ामोशी है पसरी ग़ज़ल रुबाई चुप है, फ़िज़ा में गूँजती हुई ये तन्हाई चुप…
ख़ामोशी कुछ कहती है - कविता - अतुल पाठक "धैर्य"
ख़ामोशी कुछ कहती है, कभी तो इसको सुना करो। गवाह है दिल ये अंदर अपने, असंख्य जज़्बात रखती है। अनकही ज़ुबाँ इसकी, कभी तो तुम समझा करो। हवा …
ख़ामोशी - लघुकथा - सुधीर श्रीवास्तव
आज आप सुबह से बहुत चुपचाप हैं। क्या बात है? तबियत तो ठीक है न? रमा ने अपने पति राज से पूछा। राज बोले- नहीं लखन की माँ। बस किसी निर्णय …
ख़ामोश - दोहा छंद - डॉ. राम कुमार झा "निकुंज"
मिले बरक्कत जिंदगी, रहें सदा ख़ामोश। नज़र रखें चारों तरफ़, रहें होश अरु जोश।।१।। खामोशी कमजोरियाँ, बनें नहीं इन्सान। सही राह बन हमसफ़र, …
खामोशियाँ - कविता - संजय राजभर "समित"
हाथ-पाँव दोनों बँधे थे लगभग दस फीट ऊपर एक डाल पर शोभा लटक रही थी चमचमाता चेहरा खुली आँखें मानो बोल पड़ेगी नीचे जमीन पर मात्र छः…
ख़ामोशी एक सदा - कविता - कर्मवीर सिरोवा
खुशियाँ मोबाईल हो चली, पीपल तले खामोशियाँ मिली। बेमतलब की बातें इतनी हुई, नफ़रतों को इससे हवा मिली। राजनीति ने अब हुँकार भरी, दिलों में…
खामोशियों की आवाज - लेख - सुषमा दीक्षित शुक्ला
सच तो यह है कि खामोशियां भी बोलती हैं, बस उनकी आवाज सुनने वाले कान होने चाहिए। खामोशियों की आवाज कानों के बजाय आत्मा एवं विवेक से स…
विशेष रचनाएँ
सुप्रसिद्ध कवियों की देशभक्ति कविताएँ
अटल बिहारी वाजपेयी की देशभक्ति कविताएँ
फ़िराक़ गोरखपुरी के 30 मशहूर शेर
दुष्यंत कुमार की 10 चुनिंदा ग़ज़लें
कैफ़ी आज़मी के 10 बेहतरीन शेर
कबीर दास के 15 लोकप्रिय दोहे
भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? - भारतेंदु हरिश्चंद्र
पंच परमेश्वर - कहानी - प्रेमचंद
मिर्ज़ा ग़ालिब के 30 मशहूर शेर